सीतामढ़ी : जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम में मंगलवार से तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरू रामभद्राचार्य जी महाराज के श्रीमुख से नौ दिवसीय दिव्य रामकथा का शुभारंभ होगा. उद्घाटन राज्य के महामहीम राज्यपाल सत्यपाल मलिक करेंगे. जगद्गुरू सोमवार की शाम पुनौरा धाम पहुंच गए. मिथिलावासियों ने जगद्गुरू का जोरदार स्वागत किया.
जगद्गुरू ने जानकी मंदिर व सीता कुंड का दर्शन करने के साथ ही महाआरती में शामिल हुए. जानकी महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने की पूरी तैयारी की गयी है. सोमवार को जिला प्रशासन की टीम तैयारियों में मशगूल दिखे.
महोत्सव को रामनवमी की तरह पहचान दिलाने की कोशिश: आगामी 24 अप्रैल को जानकी नवमी है. यानी इसी दिन जगद्जननी मां जानकी का सीतामढ़ी की धरती पर प्राकट्य हुआ था, लेकिन जानकी प्राकट्य स्थली को देश-दुनिया में अब तक कोई खास पहचान नहीं मिल सकी थी. पहली बार जानकी महोत्सव को रामनवमी की तरह देश-दुनिया में पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है. इस बार का जानकी महोत्सव ऐतिहासिक रहने की उम्मीद है, क्योंकि विभिन्न राघव मिथिला परिवार समेत अन्य कई धार्मिक संस्थाओं के साथ-साथ सरकार की ओर से भी इस बार के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने की पहल की जा रही है.
यही कारण है कि पहली बार सूबे के राज्यपाल द्वारा दिव्य रामकथा का उद्घाटन किया जा रहा है. वहीं, 24 अप्रैल को जानकी नवमी के अवसर पर खुद सीएम नीतीश कुमार पुनौरा धाम पहुंच रहे हैं. जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर सीएम द्वारा बुद्ध सर्किट व वैशाली की तरह पुनौरा धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल का दर्जा देने के साथ ही इसके भव्य जीर्णोद्धार के लिए घोषणा कर सकते है. सूचना यह भी है कि सीएम द्वारा जानकी महोत्सव के अवसर पर सरकारी छुट्टी की भी घोषणा की जा सकती है. सुरक्षा को लेकर कार्यक्रम स्थल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
पुनौरा धाम के प्रति सीएम गंभीर:
पुनौरा धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल का दर्जा देने व इसके विकास के लिए सीएम कितने गंभीर है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने खुद पर्यटन सचिव को पुनौरा धाम भेजकर कामों की प्रगति का जायजा लिया व पुनौरा धाम के विकास के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया.
जानकी महोत्सव पर पहली बार आएंगे सीएम:
सीएम नीतीश कुमार पहली बार 24 अप्रेल को जानकी महोत्सव के अवसर पर पुनौरा धाम आएंगे. उनके आने की सभी प्रकार की तैयारियां की जा रही है. अवसर पर सीएम पुनौरा धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता देने के साथ ही इसके भव्य जिर्णोद्धार की घोषणा कर सकते हैं.
पुनौरा धाम को सजाने-संवारने का काम अंतिम चरण में :
मंगलवार को रामकथा का शुभारंभ होने से पूर्व सोमवार को पूरे पुनौरा धाम परिसर का रंग-रोगन किया जा रहा था. कथा स्थल ‘सीता प्रेक्षागृह’ की साफ-सफाई करने के साथ ही मनमोहक तरीके से सजाया जा रहा था. जानकी मंदिर का रंग-रोगन किया जा रहा था. परिसर में विभिन्न आयोजनों को लेकर पंडाल निर्माण का काम तेज गति से चल रही थी. प्रवेश द्वार के समीप टूट चुकी सड़क की मरम्मत की जा रही थी. सभी आवश्यक जगहों पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जा रही थी. पूरे पुनौरा धाम को मनमोहक तरीके से सजाया जा रहा है.
सांसद की ओर से 100 वाहन की व्यवस्था:जानकी महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए सांसद रामकुमार शर्मा भी गंभीर हैं. उनके द्वारा जिले के कोने-कोने से जानकी महोत्सव के ऐतिहासिक मौके पर श्रद्धालुओं को पुनौरा धाम लाने की तैयारी की जा रही है. सांसद द्वारा जिले भर से श्रद्धालुओं को लाने के लिए करीब सौ वाहनों की व्यवस्था की जा रही है.
30 हजार लोगों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था: इस साल जनवरी में मोरारी बापू की रामकथा से प्रेरित होकर जानकी महोत्सव के अवसर पर भी हजारों लोगों के बीच महाप्रसाद वितरण की योजना बनायी गयी है. जानकी महोत्सव के अवसर पर 24 अप्रैल को पुनौरा धाम पधारने वाले हर श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था की जा रही है. सांसद रामकुमार शर्मा व विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर ने इसकी जिम्मेदारी ली है. इस दिन 30 हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं के पुनौरा धाम जुटने की संभावना जतायी गयी है.
मिथिला के सब सं पैघ धाम, चलै चलू पुनौराधाम: सीतामढ़ी की धरती पर जन्में राज्यसभा सांसद प्रभात झा ने जिला व प्रदेश समेत देश भर के श्रद्धालुओं से जगद्गुरू के दिव्य रामकथा व जानकी महोत्सव के अवसर पर सीता की जन्म स्थली पुनौरा धाम पहुंचकर महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने का अनुरोध किया है. उन्होंने मिथिलावासियों से मैथिली भाषा में ‘मिथिला के सब सं पैघ धाम, चलै चलू पुनौरा धाम’ का स्लोगन देकर जानकी की प्राकट्यस्थली पुनौरा धाम आने का निमंत्रण दिया है.
जगद्गुरु को मिला सांसद प्रभात झा का साथ
पिछले कई सालों से जानकी नवमी के अवसर पर तुलसीपीठाधीश्वर शंकराचार्य जगद्गुरू रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य जी महाराज सीतामढ़ी पधारते है और अपने श्रीमुख से मिथिलावासियों को दिव्य रामकथा का श्रवण कराते हैं. जगद्गुरू ने जानकी नवमी के पावन अवसर पर आजीवन हर साल मां सीता की प्राकट्य स्थली पुनौरा धाम आने व इसकी विश्व स्तर पर पहचान दिलाने का संकल्प लिया था. बाद में जगदगुरू को सीतामढ़ी की धरती पर जन्मे भाजपा के राज्यसभा सांसद प्रभात झा का साथ मिला. सांसद श्री झा ने जानकी की धरती को विश्व में पहचान दिलाने के संकल्प के साथ जगद्गुरू के साथ मिलकर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई बार मिले. वैशाली व बुद्ध सर्किट की तरह सीतामढ़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री ने भी जानकी प्राकट्य स्थल के महत्व को गंभीरता से लिया और पुनौरा धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की जगद्गुरू व सांसद श्री झा की मांग को स्वीकार कर लिया.