19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अपनी सभ्यता पर आधारित विकास मॉडल अपनाना होगा

बिहार 21 मार्च को 106 साल का हो जायेगा. राज्यवासियों के लिए यह गौरव की बात है. प्रभात खबर ने बिहार दिवस के मौके पर अतीत, पुराने गौरव, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तीकरण की दिशा में हुई पहल पर विशेष परिचर्चा का आयोजन किया है. यह जिला मुख्यालयों में 21 मार्च तक आयोजित होगी, िजसमेंं […]

बिहार 21 मार्च को 106 साल का हो जायेगा. राज्यवासियों के लिए यह गौरव की बात है. प्रभात खबर ने बिहार दिवस के मौके पर अतीत, पुराने गौरव, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तीकरण की दिशा में हुई पहल पर विशेष परिचर्चा का आयोजन किया है. यह जिला मुख्यालयों में 21 मार्च तक आयोजित होगी, िजसमेंं सभी की भागीदारी होगी. इससे समाज में एक संदेश जायेगा.

सीतामढ़ी : 22 मार्च 1912 को बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग होकर बिहार राज्य का स्वतंत्र अस्तित्व सामने आया. विज्ञान की प्रगति के बीच शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व विख्यात बिहार की अपनी पद्धति विलोपित होती जा रही है. रोजगार व खेती की समस्या विकराल होती चली गयी. जिस कारण सामाजिक व आर्थिक विषमता बढ़ रही है. अपनी सभ्यता व संस्कृति को लेकर भारत को विश्वगुरू बनाने वाले बिहार के लोग दूसरे राज्य में अब अपने आप को बिहारी कहने से कतरा रहे है.’
कैसे हासिल होगा बिहार का गौरव’ विषय को लेकर प्रभात खबर कार्यालय में ईतिहासकार, साहित्यकार, शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिवक्ता व चिकित्सकों ने अपनी बेबाक राय रखी. उन्होंने कहा कि गौरवशाली बिहार के लिए हमें अपने खो रही सभ्यता व संस्कृति के अनुकूल विकास का पैमाना बनाना होगा. विकास का मतलब सभ्यता व संस्कृति के अनुकूल हो. शिक्षा के लिए बुनियादी तालिम, स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद को प्राथमिकता व रोजगार के लिए अर्थनीति को बदलने की आवश्यकता है.
प्रभात खबर परिचर्चा में बोले बुद्धिजीवी, अपनी सभ्यता व संस्कृति से वापस होगा
बिहार का गौरव
प्रकृति और विज्ञान को ध्यान में रख
कर करना होगा विकास
बिहार का गौरव प्राप्त करने के लिए हमें प्रकृति व विज्ञान को ध्यान में रख कर विकास करना होगा. सामाजिक विषमता से निकलने के लिए आर्थिक समानता लानी होगी. आधी आबादी गांव में रहती है. वहां समाप्त हो रहे लघु व कुटीर उद्योग को स्थापित करना होगा. गुरुकुल पद्धति से चलने वाली शिक्षा व्यवस्था व मनुष्य के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य होने चाहिए. बुनियादी तालिम, आयुर्वेंद को प्राथमिकता व आर्थिक नीति को सुधारना होगा.
डाॅ ब्रजेश कुमार शर्मा, नागरिक समाज के संयोजक
शिक्षा पर केंद्रित विकास से ही
लौटेगा बिहार का गौरव
शिक्षा का अनादर करने वाला समाज बिखर जाता है. गौरवशाली बिहार की स्थापना के लिए शिक्षा का आदर करना होगा. बच्चों के प्रति समर्पण भाव वापस लाना होगा. हमें अपनी पुरानी पद्धति पर लौटना होगा. बौद्धिकता व उत्पादकता को एक-दूसरे से जोड़ना होगा. संस्कारयुक्त शिक्षा देकर आस्थावान बनाना होगा. स्पष्ट तौर पर देखने को मिल रहा है कि अनुशासनविहीन आचरण खुद के साथ दूसरे को भी जलाता है.
रामशरण अग्रवाल, इतिहासकार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें