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38 माह अनुपस्थित रहे शिक्षक, नियमित हुआ भुगतान

बोखड़ा : विभागीय व प्रशासनिक उदासीनता के चलते प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा का स्तर दिन व दिन गिरता जा रहा है. कर्मी व शिक्षक बच्चों के साथ ठगैती करने अपने को चालाक साबित करने में लगे है. यहीं वजह है कि पकड़े जाने पर अभिभावकों व बच्चों द्वारा ऐसे शिक्षकों की पिटाई करने व बंदी […]

बोखड़ा : विभागीय व प्रशासनिक उदासीनता के चलते प्रखंड क्षेत्र में शिक्षा का स्तर दिन व दिन गिरता जा रहा है. कर्मी व शिक्षक बच्चों के साथ ठगैती करने अपने को चालाक साबित करने में लगे है.

यहीं वजह है कि पकड़े जाने पर अभिभावकों व बच्चों द्वारा ऐसे शिक्षकों की पिटाई करने व बंदी बनाने तक से परहेज नहीं किया जाता है. सरकारी नियम को ताक पर रख कर काम किया जाता है, पर कार्रवाई तो दूर उसे देखने वाला कोई नहीं है. इसी प्रकार का एक मामला प्रखंड के मध्य विद्यालय धाधी में देखने को मिला है. इस स्कूल में पदस्थापित रामदरस प्रसाद नवंबर-2010 से दिसंबर 2013 तक यानी कुल 37 माह 27 दिन तक लगातार स्कूल से अनुपस्थित रहे.
जब आये तो बिना बे रोक-टोक नियमित हाजिरी बना कर वेतन भुगतान कराने में सफल रहे. इस संबंध में प्रधान शिक्षिका चंदा कुमारी ने बताया कि कार्यालय अभिलेख देखने से यह स्पष्ट होता है कि उक्त अवधि में वे मध्य विद्यालय महिसौथा में प्रतिनियुक्त थे, पर सच्चाई यह है कि उन्होंने मवि महिसौथा में अपना योगदान भी नहीं किये थे.
बोखड़ा प्रखंड के मध्य विद्यालय धाधी का है मामला
लोक शिकायत पदाधिकारी द्वारा करायी गयी जांच से हुआ खुलासा
मिव महिसौथा में योगदान के नाम पर मवि धाधी से थे अनुपस्थित
रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने कहा मवि महिसौथा में नहीं दिया था योगदान
तीसरे बच्चे के प्रसव के नाम पर
135 दिन रही अनुपस्थित
दो बच्चे तक अवकाश का है प्रावधान : वहीं, शिक्षिका सम्भा कुमारी अपने तीसरे बच्चे के लिए 18 जून 13 से 30 अक्तूबर 2013 तक यानी कुल 135 दिन तक मातृत्व अवकाश पर रही व वहां से आने के बाद अवैध रूप से उक्त अवधि के वेतन की निकासी कर ली गयी, जबकि शिक्षक नियमावली के अनुसार, मात्र दो संतान तक ही मातृत्व अवकाश का प्रावधान है. बताया गया कि शिक्षिका साम्भा के दो संतान उसी स्कूल में नामांकित हैं. इसका खुलासा तब हुआ, जब स्थानीय रणजीत राय द्वारा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास की गयी शिकायत के आलोक में जांच के क्रम में हुई है. उक्त बातें जांच अधिकारी ने अपने रिपोर्ट में लिखा है. इधर, डीपीओ स्थापना ने चार जुलाई 17 को अपने ज्ञापांक 1693 में बीडीओ व बीइओ को पत्र भेज कर 30 के अंदर अवैध रूप से निकासी की गयी राशि की वापसी, वेतन का पुर्निधारण व नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सका है. पूरे पंचायत में इस बात की चर्चा है कि वरीय अधिकारियों में मेल से ही कनीय कोई अवैध कार्य करते हैं जो कानूनन अपराध है. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. इधर, इस मामले में बीआरसीसी दिलीप कुमार ने बताया कि बीइओ रामवृक्ष सिंह दो दिन पूर्व रिटायर हो गये. पूर्व में इसी मामले में उन पर वरीय अधिकारियों द्वारा प्रपत्र ‘क’ गठित कर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी.
कहते हैं डीइओ
इस बाबत डीइओ दिनेश्वर यादव ने कहा कि वे हाल में ही यहां आये हैं. वे विभागीय कार्य से पुपरी में हैं. कार्यालय पहुंच कर जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पायेंगे.
िदनेश्वर यादव, डीइओ

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