सीएस ने पीएचसी गिरिहिंडा में आयोजित जांच शिविर में लोगों को किया जागरूक
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गलत जीवनशैली से मधुमेह के रोगियों की संख्या बढ़ी
सीएस ने पीएचसी गिरिहिंडा में आयोजित जांच शिविर में लोगों को किया जागरूक शेखपुरा : सिविल सर्जन डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि नयी पीढ़ी की जीवनशैली से मधुमेह जैसे बीमारी तेजी से मानव जीवन को अपने चंगुल में ले रही है. समय रहते अगर सजगता नहीं दिखायी गयी तो आने वाले समय में […]
शेखपुरा : सिविल सर्जन डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि नयी पीढ़ी की जीवनशैली से मधुमेह जैसे बीमारी तेजी से मानव जीवन को अपने चंगुल में ले रही है. समय रहते अगर सजगता नहीं दिखायी गयी तो आने वाले समय में यह महामारी का रूप धारण कर सकती है. सोमवार को पीएचसी गिरिहिंडा में आयोजित मधुमेह दिवस के मौके पर जांच शिविर के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे सिविल सर्जन ने लोगों को जागरूक किया. इस मौके दीप प्रज्वलित करते हुए उद्घाटन के बाद सिविल सर्जन ने कहा कि वर्तमान समय में लोगों की जीवनशैली इस कदर बदल गयी है कि लोग थोड़ी सी भी दूरी पैदल नहीं चल पाते.
इतना ही नहीं नयी पीढ़ी के बच्चों की स्थिति भी काफी दयनीय है. बच्चे आज के दिनों में खेल मैदान को छोड़कर मोबाइल गेम में ही सिमट कर रह गये हैं. ऐसी स्थिति में आने वाला समय काफी चिंताजनक स्थिति में जा सकता है. मौके पर सिविल सर्जन ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि शारीरिक श्रम एवं चिंता मुक्त जीवन से ही इस खतरनाक बीमारी को मिटाया जा सकता है. सोमवार को पीएचसी परिसर में आयोजित शिविर के दौरान चिकित्सा प्रभारी डॉ अशोक कुमार, चिकित्सक डॉ के पुरुषोत्तम, मधुमेह स्पेशलिस्ट रंजीत रावत, डॉ इंद्रजीत कुमार, एसीएमओ जवाहरलाल प्रसाद समेत अन्य लोग मौजूद थे.
इस मौके पर चिकित्सकों ने कहा की वर्तमान आबादी का 25 से 30 प्रतिशत लोग मधुमेह की बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं. मौके पर चिकित्सा प्रभारी ने कहा कि मधुमेह जांच शिविर के दौरान मरीजों की जांच के साथ नि:शुल्क दवाइयां भी उपलब्ध करायी जा रही है. उन्होंने बताया कि गुरुवार को मधुमेह स्पेशलिस्ट चिकित्सक द्वारा चिकित्सा जांच कराने के साथ नि:शुल्क दवाई उपलब्ध करायी जायेगी.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जीवनशैली में शारीरिक व्यायाम, खानपान पर नियंत्रण के साथ नियमित चिकित्सा मधुमेह बीमारी से निबटने के लिए जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के अंदर आज भी भ्रांतियां फैली है कि अंग्रेजी दवा का साइड इफेक्ट नुकसानदायक होता है. ऐसी भ्रांतियों में पल रहे लोग अक्सर आयुर्वेद चिकित्सा के नाम पर अपने आप को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नियमित जांच और अंग्रेजी चिकित्सा प्रणाली से दवा लेने वाले मरीजों को कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा.
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