पुपरी : जाड़े के मौसम के दस्तक देते ही लोगों ने ठंड से बचाव की तैयारी शुरू कर दी है. अभी के मौसम में निश्चित रूप से लोगों को सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है. हालांकि यह मौसम रबी व सब्जियों की फसल के लिए लाभकारी माना जाता है. खास कर यह मौसम में गेहूं की बुआई के लिए उपयुक्त होता है.
मौसम के मिजाज को बदलते देख नोटबंदी से प्रभावित लोग भी किसी प्रकार ऊनी व कॉटशूल वस्त्रों की खरीदारी शुरू कर दी है. लोगों की जरूरत को समझते हुए कंपनी की ओर उक्त वस्त्रों की कीमत बढ़ा दी गयी है. साथ ही दुकानदार भी इन वस्त्रों को बेच कर अच्छी-खासी कमाई करने के जुगत में लगे हुए हैं. गरीब व साधारण तबके को ध्यान में रखते हुए कुछ दुकानदार फुटपाथ पर दुकान सजा कर किफायती मूल्य पर भी गरम कपड़े बेचना शुरू कर दिये हैं.
ठंढ से बचाव जरूरी : चिकित्सक
सेवानिवृत्त चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ ओमप्रकाश ने बताया कि ठंड के प्रकोप से बचने के लिए गर्म कपड़े का इस्तेमाल अभी से ही जरूरी है. लापरवाही करने पर खास कर बच्चे कोल्ड डायरिया व इन्फ्लुयेंजा आदि रोगों का शिकार हो सकते हैं. लिहाजा इससे बचाव के लिए बच्चों को गर्म कपड़े में रखना एवं लहसुन, सरसों तेल आदी का रस व मधु का प्रयोग उसके लिए लाभकारी होगा. वहीं, बड़े- बुजुर्गो में ठंड के प्रकोप से बांनकाइटिस, सर्दी, खांसी, फ्लू, नस में दर्द, ज्वॉइट पेंन कान का दर्द व हार्ट अटैक जैसे रोगों से ग्रसित होने की संभावना रहती है. बचाव के लिए गर्म कपड़े का इस्तेमाल, गले में कपड़ा लपेट कर रखना व कान बांध कर रखना आदि आवश्यक है. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डाॅ मनोहर पंजिकार ने बताया कि अभी के मौसम रबी व सब्जी के फसलों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध होता है. वहीं, ठंड बढ़ने पर आलू की फसल को नुकसान पहुंचेगी.