शिवहर : सरकार द्वारा एक ओर हरिजन टोला के विकास के लिए तरह तरह की योजनाएं लायी जा रही है. वही दूसरी ओर शिवहर के रशीदपुर मुसहर टोला स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षकों के अभाव के कारण पठन पाठन प्रभावित हो रहा है.
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319 छात्र को पढ़ाने में लगे हैं मात्र दो शिक्षक
शिवहर : सरकार द्वारा एक ओर हरिजन टोला के विकास के लिए तरह तरह की योजनाएं लायी जा रही है. वही दूसरी ओर शिवहर के रशीदपुर मुसहर टोला स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षकों के अभाव के कारण पठन पाठन प्रभावित हो रहा है. शिक्षा के नियम के तहत 35 बच्चों पर एक शिक्षक […]
शिक्षा के नियम के तहत 35 बच्चों पर एक शिक्षक रखने का प्रावधान है.
लेकिन इस विद्यालय में 319 छात्र हैं. जबकि शिक्षकों की संख्या मात्र दो है. इसमें से एक प्रधानाध्यापक हैं. इस तरह दो शिक्षकों के सहारे 319 छात्रों की शिक्षा व्यवस्था जैसे तैसे संचालित की जा रही है. ऐसे में कैसे सुधरेगा बच्चों का भविष्य सवाल बना हुआ है. वही शौचालय विहीन विद्यालय होने के कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. शौचालय नहीं होने का मुख्य कारण विद्यालय का भूमि विहीन होना है. विद्यालय का जो भवन है, उसके अतिरिक्त विद्यालय के पास भूमि नहीं है.
विद्यालय का भवन भी राष्ट्रीय राजमार्ग 104 के अंतर्गत आ चुका है. विद्यालय में चहारदीवारी नहीं होने के कारण बच्चों की सुरक्षा पर हमेशा ही प्रश्नचिह्न लगा रहता है, क्योंकि विद्यालय के बगल से राष्ट्रीय राजमार्ग 104 गुजरता है. इतना ही नहीं स्कूल में एक जर्जर चापाकल है, जो कभी चलता है कभी नहीं. जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं है. बात करें विद्यालय के छात्रों की तो कक्षा एक में 36 कक्षा 2 में 40 कक्षा 3 में 54 कक्षा 4 में 48 कक्षा 5 में 43 कक्षा 6 में 44 कक्षा 7 में 37 और कक्षा 8 में 17 छात्र हैं, जबकि विद्यालय में क्लास रूम की संख्या मात्र दो है. ऐसे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि बच्चे कैसे शिक्षा ग्रहण करते होंगे.
गर्मी के मौसम में बच्चे यत्र-तत्र बैठकर पेड़ की छांव में शिक्षा ग्रहण कर लेते हैं. किंतु बरसात में कमरों में उन्हें जानवरों की तरह रखकर शिक्षा की खानापूर्ति की जाती है. प्रधानाध्यापक शंभू बताते हैं कि विद्यालय में शिक्षक की कमी के कारण पठन-पाठन लगातार प्रभावित हो रहा है, क्योंकि वर्तमान में शिक्षक की संख्या मात्र दो है.
इसके अलावा दो ही रूम में एक से आठ तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है. जिसके कारण छात्रों को पढ़ने और शिक्षक को पढ़ाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जबकि सामाजिक कार्यकर्ता स्वदेश कुमार सिंह का कहना है सरकार सर्वशिक्षा अभियान के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को मजबूत करने का जितना भी प्रयास कर ले. लेकिन जब तक शिक्षकों की कमी को दूर नहीं किया जाएगा. तब तक छात्रों के हितार्थ चलायी जा रही योजनाओं के सफलता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
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