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2.1 लाख में 30 हजार स्टूडेंट्स के ही आये सर्टिफिकेट

छपरा (सदर) : उच्च विद्यालयों के नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के शैक्षणिक सत्र 2017-18 का लगभग डेढ़ माह बीत चुका है. परंतु, अबतक 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को नौवीं कक्षा में नामांकन के लिए उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र नहीं मिल सका है. ऐसी स्थिति में चाह कर भी छात्र-छात्राओं का […]

छपरा (सदर) : उच्च विद्यालयों के नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के शैक्षणिक सत्र 2017-18 का लगभग डेढ़ माह बीत चुका है. परंतु, अबतक 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को नौवीं कक्षा में नामांकन के लिए उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र नहीं मिल सका है. ऐसी स्थिति में चाह कर भी छात्र-छात्राओं का नौवीं कक्षा में नामांकन नहीं हो पा रहा है

उधर विद्यालय प्रशासन भी छात्रों का नामांकन नौवीं कक्षा में नहीं लेने के लिए विवश है. बच्चों को नवीं कक्षा में नामांकन के लिए 8वीं क्लास उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र नहीं मिलना मुख्य वजह बताया जाता है.

2.1 लाख छात्रों के लिए महज 30 हजार ही उतीर्णता का प्रमाण पत्र : सारण जिले के सर्वशिक्षा अभियान के डीपीओ की माने तो सारण जिले में विभिन्न मध्य विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2016-17 में 2.1 लाख छात्र-छात्राएं उतीर्ण हुई है. पूर्व के वर्षों में उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को उतीर्णता का प्रमाण पत्र विद्यालय स्तर पर या जिला स्तर पर प्रिटिंग करा कर विद्यालय के प्रधान दिया करते थे.
इस बार राज्य सरकार ने निर्देश दिया कि सभी उत्तीर्ण होने वाले 8 वीं क्लास के छात्र-छात्राओं के उत्तीर्णता प्रमाण पत्र राज्य मुख्यालय से भेजा जायेगा. जिला मुख्यालय, प्रखंड मुख्यालय या विद्यालय स्तर पर प्रमाण पत्र का प्रिटिंग नहीं कराया जायेगा. परंतु, जिले में 2.1 लाख छात्र-छात्राओं के लिए महज 30 हजार ही उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र जिले को मिला है. ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी जरूरत के महज 15 प्रतिशत मिले प्रमाण पत्र को विद्यालय में भेज कर उत्तीर्ण छात्रों को प्रमाण पत्र देने से परहेज कर रहे हैं.
उनका तर्क यह है कि इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद कुछ छात्रों को यदि उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र दिया जाता है, तो निश्चित तौर पर विभिन्न प्रखंडों में स्थित विद्यालयों में अभिभावक एवं विद्यार्थी की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. फलत: किसी भी छात्र-छात्रा को प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है. वहीं प्रमाण पत्र के अभाव में नौवीं क्लास में नामांकन न तो हो रहा है और न नौवीं की कक्षाएं चल रही है. हालांकि सर्व शिक्षा के डीपीओ बताते हैं कि उन्होंने राज्य मुख्यालय से लगातार संपर्क में रहते हुए पर्याप्त संख्या में प्रमाण पत्र मंगाने का हर संभव प्रयास किया है.
ग्रीष्मावकाश के पूर्व कक्षाएं शुरू होने की उम्मीद नहीं : उच्च विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश जून के अंतिम सप्ताह से होने वाला है. वहीं एक अप्रैल से अबतक किसी भी उच्च विद्यालय में नामांकन नहीं हुआ और न राज्य मुख्यालय से प्रमाण पत्र आया. ऐसी स्थिति में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं विगत डेढ़ माह से प्रमाण पत्र नहीं मिलने व नामांकन नहीं होने के अभाव में अपने को कुंठित महसूस कर रहे हैं.
वहीं अभिभावक भी अपने बच्चों को नामांकन नहीं होने के कारण विद्यालय नहीं भेज पा रहे है. अभिभावक व छात्र इस पूरी व्यवस्था के लिए सरकार की अदूरदर्शिता तथा विभागीय पदाधिकारी की लापरवाही को जिम्मेवार मानते है.
उतीर्णता प्रमाणपत्र नहीं मिलने से नौवीं में नामांकन बाधित
शैक्षणिक सत्र बीतने के डेढ़ माह बाद भी नामांकन न होने से परेशानी
क्या कहते हैं अधिकारी
सारण जिले में 2.1 लाख छात्र-छात्राओं में सरकारी विद्यालयों से 8वीं की परीक्षा पास की. पहली बार सरकार ने इन छात्र-छात्राओं के उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र राज्य मुख्यालय से भेजने का निर्देश जारी किया था. परंतु, जिले में महज 30 हजार ही प्रामण पत्र अबतक प्राप्त हुए हैं. अबतक जरूरत से काफी कम होने की वजह से अभी किसी भी विद्यालयों में 8वीं उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र किसी भी छात्र को नहीं दिया जा रहा है. प्रमाण पत्र के लिए लगातार राज्य मुख्यालय के संपर्क में है.
धनंजय पासवान, डीपीओ सर्वशिक्षा, सारण

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