प्रोन्नति के इंतजार में सेवानिवृत हो गये कई विद्यालयों के शिक्षक
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913 विद्यालयों में नहीं हैं प्रधानाध्यापक
प्रोन्नति के इंतजार में सेवानिवृत हो गये कई विद्यालयों के शिक्षक ठंडे बस्ते में पड़ा एचएम प्रोमोशन का मामला छपरा : स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के प्रोमोशन का मामला विभागीय उदासीनता के कारण ठंडे बस्ते में चला गया है. शिक्षक संघ की ओर से किये गये धरने तथा विभाग की ओर से मिले आश्वासनों के बाद […]
ठंडे बस्ते में पड़ा एचएम प्रोमोशन का मामला
छपरा : स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के प्रोमोशन का मामला विभागीय उदासीनता के कारण ठंडे बस्ते में चला गया है. शिक्षक संघ की ओर से किये गये धरने तथा विभाग की ओर से मिले आश्वासनों के बाद भी अब तक जिले के 913 विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन हैं. ऐसे में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के तमाम दावे करने वाली राज्य सरकार तथा उसकी प्रशासनिक व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है. हाल ही में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के प्रोन्नति को लेकर सारण जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में आमरण अनशन किया गया था.
इसके बाद जिला प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद तत्कालीन डीइओ चंद्रकिशोर यादव और शिक्षक संघ के बीच समझौता हुआ, जिसमें जिला प्रशासन से मार्गदर्शन मांगते हुए प्रोमोशन प्रक्रिया को जल्द-से जल्द पूरा किये जाने की बात कही गयी थी. हालांकि इस समझौते के कुछ दिन बाद ही तत्कालीन डीइओ चंद्रकिशोर यादव सेवानिवृत हो गये और मामला पुनः ठंडे बस्ते में चला गया. वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी अवधेश बिहारी ने बताया कि पूर्व में शिक्षकों के प्रमोशन को लेकर प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गयी थी पर बार-बार
पदाधिकारियों का बदलना तथा नये नियमावली के आ जाने से प्रोमोशन को लेकर अड़चन आ गयी. हालांकि विभाग से इस संदर्भ में पूर्व में मार्गदर्शन मांगा गया था, जिसके आलोक में जिला प्रशासन तथा शिक्षा विभाग की ओर से गठित कमेटी को प्रोमोशन मामले में संज्ञान लेने को कहा गया. जिला के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर जल्द ही इस विषय में निर्णय ले लिया जायेगा.
क्या है मामला
जिले में 913 प्रारंभिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद रिक्त है. स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के प्रोमोशन हेतु 456 शिक्षकों की सूची तैयार की गयी थी. 31 जुलाई 2014 में हुई बैठक में प्रोन्नति को लेकर निर्णय लिया गया था जो बाद में आरक्षण के मसले को लेकर लटक गया. हालांकि आरक्षण पर सहमति बनते ही फिर से प्रोन्नति के आसार बढ़ गए पर तमाम बैठकों, धरने तथा अनशन के बाद भी अभी तक शिक्षकों का
प्रोमोशन नहीं हो सका है. पिछले दो साल से स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के प्रोमोशन का मामला लटका है. इस दौरान प्रोमोशन के लिए जारी किये गये लिस्ट का कई बार संशोधन भी किया जा चुका है. 456 शिक्षकों की लिस्ट में से अबतक 65 ऐसे शिक्षक हैं, जो विगत दो वर्षों में प्रधानाध्यापक बनने की आस लिए सेवानिवृत भी हो गये.
क्या कहते हैं अधिकारी
शिक्षकों के प्रोमोशन पर विभाग गंभीर है. प्रोन्नति से जुड़े मामलों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक होनी थी जो किसी कारण से नहीं हो पायी है. जल्द ही बैठक कर प्रोमोशन के संदर्भ में निर्णय लिया जायेगा.
अवधेश बिहारी, डीइओ, सारण
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