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जाम में निकलता रहा दम, मुश्किलें नहीं हुईं कम

जाम में निकलता रहा दम, मुश्किलें नहीं हुईं कम पटना-छपरा सड़क मार्ग पर लगनेवाले जाम से साल भर यात्री परेशान रहे. यात्रा करनेवाले यात्रियों के जाम से मुक्ति मिलने की उम्मीद इस वर्ष भी पूरी नहीं हो सकी. फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में होनेवाले विलंब ने कोढ़ में खाज का काम किया. लिहाजा इस व्यस्त […]

जाम में निकलता रहा दम, मुश्किलें नहीं हुईं कम पटना-छपरा सड़क मार्ग पर लगनेवाले जाम से साल भर यात्री परेशान रहे. यात्रा करनेवाले यात्रियों के जाम से मुक्ति मिलने की उम्मीद इस वर्ष भी पूरी नहीं हो सकी. फोरलेन सड़क निर्माण कार्य में होनेवाले विलंब ने कोढ़ में खाज का काम किया. लिहाजा इस व्यस्त सड़क मार्ग पर गाड़ियां चीटियों की माफिक सरकती नजर आयीं. जाम में फंसे यात्रियों ने कभी प्रशासन की कुव्यवस्था को तो कभी अपनी बदकिस्मती को कोसा. रेलवे फाटकों के जाम ने फर्राटेदार सफर का सपना ही चकनाचूर कर दिया. देखना है कि नये साल में सफर कितना सुहाना हो पाता है?छपरा-पटना मार्ग पर जगह-जगह लगनेवाले जाम ने साल भर यात्रियों को किया परेशानशीतलपुर, पट्टीपुल, दिघवारा व डोरीगंज के जाम ने साल भर यात्रियों को रुलायाफोरलेन निर्माण पूरा नहीं होने से यात्रियों की मुश्किलें नहीं हुर्इं कमपट्टी पुल की जर्जर हालत हर बार यात्रियों को कर देती है विचलितहसरत जो नहीं हुई पूरीनोट: फोटो मेल से भेजा गया है. संवाददाता, दिघवाराछपरा-पटना सड़क मार्ग पर यात्रा की बात हो और जाम की चर्चा न की जाये, तो शायद चर्चा ही अधूरी रह जायेगी. जी हां, इस सड़क पर यात्रा करने की स्याह सच्चाई यही है. यात्रा के दरम्यान वाहनों का चालक भी आपको यह नहीं बता सकता है कि पटना से छपरा, दिघवारा, डोरीगंज, शीतलपुर या फिर नयागांव जाने में कितना वक्त लगेगा और आप कब तक अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे? इस साल तो जाम ने पिछले वर्षों के तमाम पुराने रिकाॅर्ड को ध्वस्त कर दिया है. पूरे साल यात्री अपनी यात्रा के दरम्यान जाम से जूझते नजर आये. जगह-जगह लगनेवालों जामों में फंसे यात्रियों ने कभी प्रशासन, तो कभी अपनी बदकिस्मती को कोसा. जाम से निजात पाने का यात्रियों का सपना इस वर्ष भी पूरा नहीं हो सका. जाम से निबटने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था नकारा साबित हुई. फोरलेन कार्य की धीमी रफ्तार ने मुश्किलों को बढ़ायाराशि के आवंटन व अन्य कारणों से साल भर निर्माण कंपनी द्वारा निर्माण कार्य की रफ्तार मंद रही. फोरलेन पूरा नहीं होने से यात्री बाइपास सड़क व रेलवे ओवरब्रिज का उपयोग नहीं कर सके और शहरी क्षेत्रों से गुजरने में जगह-जगह जाम का सामना करना पड़ा. गाड़ियां अक्सर चीटियों की माफिक सरकती दिखी. गांधी सेतु व पट्टी पुल पर अक्सर लगता रहा जाम इस वर्ष मरम्मत के कारण गांधी सेतु बराबर जाम रहा, जिस कारण यात्रियों की मुश्किलों में इजाफा हुआ. वहीं, दिघवारा व शीतलपुर के मध्य पट्टी पुल के जाम ने कई की जानें ले ली. डीएम के आदेश के बाद भी पट्टी पुल के समीप लगनेवाला मछली बाजार नहीं हट सका. रेलवे क्राॅसिंगों ने यात्रा का वक्त किया बरबादसफर के दरम्यान गोविंदचक, शीतलपुर, दिघवारा व भिखारी चौक के पास के रेलवे क्रॉसिंग के लंबे समय तक बंद रहने के कारण सफर सुहाना नहीं हो सका. दिघवारा ढाले के जाम ने शायद ही किसी यात्री को बख्शा. शीतलपुर बाजार के समीप के जाम ने भी यात्रियों को खूब रूलाया. बाकरपुर व दिघवारा सब्जी आढ़तों के समीप के लगनेवाले जाम से भी यात्रियों को मुक्ति नहीं मिल सकी. कमोबेश 2015 में जगह-जगह लगनेवाले जाम ने हर किसी की मुश्किलों को बढ़ाया एवं किसी भी यात्री की परेशानी कम नहीं हुई. अब देखना है कि 2016 में सड़कों पर सफर की दशा कैसी होती है?

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