गुड्डू राय,छपरा (सारण). न डॉक्टर है, न दवा. भगवान भरोसे एआरटी केंद्र चल रहा है. करीब 2 हजार एड्स के मरीजों को दवा तथा डॉक्टर के अभाव में दर-दर भटकने को विवश होना पड़ रहा है. एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस है और इस मौके पर एड्स की रोक थाम के लिए कई बड़े आयोजन की तैयारी स्वास्थ्य विभाग और सरकार की ओर से की गयी है. लेकिन एड्स के मरीजों के उपचार के लिए सदर अस्पताल में स्थापित एआरटी केंद्र सुविधाओं के अभाव का दंश ङोल रहा है. इलाज कराने के लिए एआरटी केंद्र पर आने वाले मरीजों को चिकित्सक तथा दवा के अभाव में मायूस होकर वापस लौटाया जा रहा है. केंद्र में पदस्थापित चिकित्सक गंभीर रूप से बीमार रहने के कारण अवकाश पर है, उनके बदले में डॉ दीपक कुमार को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. लेकिन अतिरिक्त प्रभार में चिकित्सक के रहने की वजह से पूर्ण समय चिकित्सक नहीं दे पाते हैं. सीडी फॉर काउंट 350 से जिन मरीजों की जांच होती है. उन्हें नियमित दवा देने का प्रावधान है. लेकिन दवा के अभाव में मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही है. इस तरह के मरीजों की संख्या करीब 1800 है. जबकि एड्स पीड़ित करीब 6 हजार मरीज इस केंद्र से जुड़े है. सीडी फॉर काउंट 350 से अधिक वाले मरीजों की संख्या 4 हजार से अधिक है. जिन्हें नियमित दवा नहीं मिल पाती है जबकि उनकी नियमित देख भाल करना अति आवश्यक है. एआरटी केंद्र में सुविधाओं तथा संसाधनों का भी घोर अभाव है. इस केंद्र का अपना भवन नहीं है. वर्तमान समय में यह क्षेत्रीय जांच घर में चलाया जा रहा है.
केंद्र चिकित्सक के बीमार रहने के कारण दूसरे चिकित्सक को प्रतिनियुक्त किया गया है. दवाओं की कमी है. इसके लिए राज्य मुख्यालय को दवा उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा गया है.
डॉ शंभुनाथ सिंहउपाधीक्षक, सदर अस्पताल, छपरा