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थोड़ी-सी असावधानी कर सकती है बीमार

थोड़ी-सी असावधानी कर सकती है बीमार बदलते मौसम का बच्चों पर पड़ रहा है प्रतिकूल असरमौसमी बीमारियाें का बढ़ रहा है दुष्प्रभावसंवाददाता, छपरा (सारण)बदलते मौसम में थोड़ी-सी असावधानी आपके लाडले की बीमारी का कारण बन सकता है. इस समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. समुचित देखभाल, खान-पान तथा पहनावे पर भी ध्यान देने होगा. […]

थोड़ी-सी असावधानी कर सकती है बीमार बदलते मौसम का बच्चों पर पड़ रहा है प्रतिकूल असरमौसमी बीमारियाें का बढ़ रहा है दुष्प्रभावसंवाददाता, छपरा (सारण)बदलते मौसम में थोड़ी-सी असावधानी आपके लाडले की बीमारी का कारण बन सकता है. इस समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. समुचित देखभाल, खान-पान तथा पहनावे पर भी ध्यान देने होगा. माताओं की जागरूकता से न केवल बच्चों की देखभाल बेहतर ढंग से होगी, बल्कि उन्हें बीमार होने से बचाया जा सकेगा. अनावश्यक रूप से चिकित्सालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. क्या करें-सुबह तथा शाम को बच्चों को ऊनी वस्त्र पहना कर रखें हाथ पैर, सिर, कान आदि ढंक कर रात में सुलाएंसुबह स्नान के पहले बच्चों को शरीर में तेल जरूर लगाएंसूर्योदय के समय बच्चों को धूप में रखेंठंडी चीजें बच्चों को नहीं खिलाएं फ्रिज में रखे सामान नहीं खिलाएंखाने-पीने की चीजें गरम व ताजा खिलाएंहाथ में दस्ताना पहनाएं पैर में जूता-मोजा पहनाएंसिर में टोपी पहनाएंछोटे बच्चों को दूध गरम करके ही पिलाएंअधिक देर तक पानी में बच्चों को नहीं रखें हो सकती हैं ये बीमारियांसर्दी-खांसीबुखार कै-दस्तसिरदर्द, बदन दर्दहांफने की बीमारीइन बातों का भी करें पालन सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करेंबंद कमरे में मच्छर मारनेवाली अगरबत्ती जला कर न सोएंकमरे में हीटर का प्रयोग सावधानी के साथ करेंबिछावन के आस-पास आग जला कर न रखें सोने के पहले लैंप-लालटेन आदि को बुझा कर रखें अलाव की आग को सोने से पहले बुझा देंबीमारी होने पर क्या करेंकै-दस्त होने पर दस्त रोकने की दवा न दें ओआरएस घोल देंअगर अधिक कै-दस्त हो रहा है, तो बाल रोग विशेषज्ञ से दिखाएंबच्चा अगर सुस्त दिखे तो जिंक सीरप या टैबलेट उचित मात्रा में देंजिंकी की खुराक -6 माह तक के बच्चों को 10 एमएम जिंकी सील दिन भर में तीन बार दें-जिंक टैबलेट आधा दें सकते है तीन बार-6 माह से पांच वर्ष के बच्चों को 20 एमएल जिंक दिन भर में तीन बार दें -6 माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को एक टैबलेट तीन बार दें बढ़ रही हैं मौसमजनित बीमारियांबदलते मौसम के कारण मौसम जनित बीमारियां काफी तेजी के साथ बढ़ रही हैं. निजी व सरकारी अस्पतालों में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ गयी है. सर्दी-खांसी, जुकाम, बदन दर्द, कै-दस्त के शिकार बच्चे अस्पतालों में काफी संख्या में पहुंच रहे हैं. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक बीमार होनेवाले बच्चों की संख्या बढ़ी है. बच्चों को पिलाएं भरपूर पानीठंड की वजह से आम तौर पर बच्चों को पानी पिलाने के प्रति उदासीनता बरती जाती है, जो बीमारियों के बढ़ने का मुख्य कारण है. ठंड होने के बावजूद बच्चों को भरपूर पानी पिलाना चाहिए. स्वच्छ पानी का प्रयोग करें. संभव हो, तो ताजा पानी पिलाएं. पीने के पानी को उबाल कर ठंडा कर लें और स्वच्छ बर्तन में ढक कर रखें. उसी पानी को पीने के लिए प्रयोग में लाएं. दूषित जल का सेवन करने से परहेज करें. ये न करेंबासी भोजन न करेंखुले में रखे पानी न पीएंबाजार में बिकनेवाली बनी-बनायी चीजें न खाएंतेज मसालेदार वस्तुएं खाने से परहेज करेंताजा व गरम खाना खाएंघरों में खाने-पीने की वस्तुओं को ढक कर रखेंशौच के बाद व भोजन के पहले साबुन से हाथ जरूर धोएं क्या कहते हैं चिकित्सकमौसम बदल रहा है. इस वजह से मौसम जनित बीमारियां बच्चों में बढ़ रही हैं. इस समय माताओं को अपने बच्चों की देख-भाल के प्रति विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. उनकी थोड़ी-सी लापरवाही बच्चों की बीमारी का कारण बन सकती है. रहन-सहन, खान-पान तथा पहनावे के प्रति सजग रहना जरूरी है. डॉ चंदेश्वर सिंहशिशु रोग विशेषज्ञ, सदर अस्पताल, छपरा

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