छपरा (कोर्ट) : मशरक प्रखंड के गंडामन स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मीना देवी के साथ ही पुलिस ने उन लोगों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जो प्रधानाध्यापिक को अपने घरों में छिपाये हैं या फिर उन्हें छिपाने में मदद की है.
स्थानीय पुलिस ने इस मामले में भादवि की धारा 212 के तहत एक मुकदमा दर्ज की है ताकि वह उन व्यक्तियों या फिर प्राचार्य के नाते रिश्तेदारों एवं सगे संबंधी, जिन्होंने प्राचार्य को छिपाया है या फिर उसमें सहयोग किया है, उनपर कानून शिकंजा कसा जा सके. बताते चलें कि प्रधानाध्यापिका मीना देवी विद्यालय में हुई दुखद घटना के कुछ समय बाद से ही फरार हो गयी हैं, जो घटना के एक सप्ताह बीतने के बाद भी कही छिपी हुई हैं और पुलिस ने गिरफ्त में नहीं आ रहीं.
पुलिस का मानना है कि प्राचार्य को किसी अपने ही ने आश्रय दिया है. इसी सोच के तहत उसने कानून की धारा 212 का इस्तेमाल कर उन लोगों को भी सजा का हकदार बनाने का अचूक अस्त्र इस्तेमाल किया है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त धारा के तहत पुलिस उन व्यक्तियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लेगी, जो प्राचार्य को अपने घरों में छिपाये हुए हैं.
पुलिस अधिकारी के अनुसार यह पुलिस के ऊपर निर्भर करता है कि वह किसी अभियुक्त को छिपानेवाले घर के मुखिया को ही गिरफ्तार करती है या फिर उसके घर के अन्य सदस्यों को भी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि धारा 212 गैर जमानती है और इस मामले के अभियुक्त या अभियुक्तों को 10 वर्ष तक सश्रम कारावास की सजा हो सकती है.