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पटरियों के रखरखाव पर उठे सवाल

दिघवारा : छपरा-सोनपुर रेलखंड पर दिघवारा स्टेशन के पश्चिमी रेलवे ढाला से लगभग 300 गज दूर बुधवार को टूटी पटरी पर मालगाड़ी गुजरने की घटना ने पटरियों की मरम्मती व निरीक्षण कार्य पर ही सवालिया निशान लगा दिया है. लोगों के बीच इस तरह के सवाल उठने लगे हैं कि क्या रेलकर्मी तन्मयता से पटरियों […]

दिघवारा : छपरा-सोनपुर रेलखंड पर दिघवारा स्टेशन के पश्चिमी रेलवे ढाला से लगभग 300 गज दूर बुधवार को टूटी पटरी पर मालगाड़ी गुजरने की घटना ने पटरियों की मरम्मती व निरीक्षण कार्य पर ही सवालिया निशान लगा दिया है. लोगों के बीच इस तरह के सवाल उठने लगे हैं कि क्या रेलकर्मी तन्मयता से पटरियों की सुरक्षा की जांच करते हैं या सिर्फ गैंगमैन से लेकर अधिकारी पटरी जांच का कोरम पूरा करते हैं?घटना ने एक साथ कई सवालों को जन्म दे दिया है जिससे रेलयात्रियों की सुरक्षा पर ही प्रश्न लगने लगे हैं. लोगों का कहना था कि रेलकर्मियों की लापरवाही से पटरी टूटने की घटना हुई है,

जिस जगह पर पटरी टूटने की घटना हुई तो वहां पर पहले से सीमेंट के दो स्लैब जर्जर स्थिति में थे और इसी जर्जर स्लैब के कारण तेज रफ्तार की ट्रेनों के गुजरने से बढे दबाव के बीच पटरी टूट गयी होगी. एक अहम सवाल यह है कि क्या पटरियों के निरीक्षण के वक्त किसी भी गैंगमैन या कीमैन की नजर जर्जर अवस्था में दोनों स्लैब व खुली व ढीली चाबियों पर नहीं गयी और अगर ऐसा था तो जर्जर दोनों सीमेंट के स्लैब को बदलने के साथ साथ चाबियों को ठीक क्यों नहीं किया? अब भी उक्त स्थल के आसपास सैकड़ों चाबियां ढीली है जो किसी अप्रिय घटना को निमंत्रण दे रहा है. सच्चाई यह भी है कि जिस जगह पर यह घटना हुई उस जगह पर शौच का अंबार है और रेलकर्मी निरीक्षण के क्रम में वहां जाने से कतराते हैं और यहीं वजह थी कि उस जगह पर निरीक्षण के क्रम में निरंतर लापरवाही होती गयी, जिसने पटरी टूटने जैसी घटना को जन्म दिया.

अप ट्रैक के आसपास हुई जांच, तब गुजरीं गाड़ियां
डाउन दिशा के ट्रैक टूटने की जानकारी जब स्टेशन अधीक्षक राणा को मिली तो उसने उक्त स्थल के आसपास के अप ट्रैक का भी कर्मियों से जांच करवाया. जब कर्मियों ने अप ट्रैक के सही होने की पुष्टि की तो अप ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया.लगभग 7 बजे अप लिच्छवी छपरा की ओर भेजी गयी. जब मालगाड़ी गुजर रही थी तब ट्रैक के दोनों तरफ एक दर्जन से अधिक लोग खड़े थे.दिघवारा स्टेशन की तरफ जा रही इस मालगाड़ी में जोर के साथ घर्षण की आवाज थी और मालगाड़ी में अप्रत्याशित कंपन भी था. लोगों को अंदेशा हो गया था कि पटरी में जरूर कुछ न कुछ गड़बड़ी है.लोगों का अंदेशा भी सही साबित हुआ जब लोगों ने मालगाड़ी गुजरने के बाद रेलवे लाइन के साथ साथ सीमेंट के स्लैब को टूटा देखा ,वहीं कई चाबी इधर उधर बिखरे पड़े थे.
जहां टूटी थी पटरी वहां नहीं था पत्थर,कर्मियों को दिखी लापरवाही : जिस जगह पर पटरी टूटी थी वहां पर स्लैब तो टूटा ही था पहले से ही सीमेंट की पटरी टूटी थी.इतना ही नहीं पटरी के नीचे पत्थर नहीं था.ऐसी आशंका है कि अत्यधिक दबाब के चलते पटरी के नीचे पत्थर नहीं रहने से पटरी टूटने की घटना घटित हुई.मौके की स्थिति को देखते हुए साफ़ लग रहा था कि रखरखाव के अभाव में पटरी टूटने की घटना हुई है . कर्मियों की लापरवाही से ही दिघवारा बड़ी घटना का गवाह होने से बच गया.
कर्मियों ने लोगों पर व लोगों ने रेलकर्मियों पर लगाया आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप था कि रेलकर्मी पटरी जांच में सिर्फ कोरम पूरा करते हैं. सेवा सदन के सामने रेलवे ट्रैक पर बहुत से की खुले या ढीले मिलते हैं जो हादसों को खुला निमंत्रण देते हैं. दूसरी तरह पीडब्लूआई आर के वर्मा ने कहा कि जिस जगह पर पटरी टूटने की घटना हुई वह स्थान अस्थाई शौचालय की शक्ल में बदला रहता है जहाँ कर्मियों द्वारा पटरियों की मरम्मती करना काफी मुश्किल होता है, फिर भी कर्मी पटरी की सही ढंग से निगरानी करते हैं. श्री वर्मा की मानें तो स्थानीय लोगों से कई बार पटरी पर शौच न करने की अपील की गयी मगर लोग मानने को तैयार नहीं हैं.
टूटने के बाद पटरी के बीच था बड़ा अंतर
पटरी टूटने की सूचना के बीच जैसे ही रेलकर्मी उक्त स्थल पर पहुंचे तो टूटी पटरियों को देखकर कर्मियों के होश उड़ गये. टूटी पटरी के बीच का अंतर 8 से 10 इंच तक था,ऐसे में मालगाड़ी कैसे सकुशल निकल गयी,ये सोचकर कर्मी अचरज में थे.कर्मी दबी जुबान में कह रहे थे अगर इसके बाद कोई ट्रेन गुजरती तो उसके बेपटरी होने की अधिक आशंका थी.
ट्रैकमैन मनोज की तत्परता से बड़ा हादसा टला
ट्रैकमैन मनोज को जैसे ही टूटी पटरी की खबर मिली तो उसने सबसे पहले एक लकड़ी में लाल कपड़ा बांधकर उसे डाउन ट्रैक पर लगा दिया फिर दौड़ते हुए पश्चिमी रेलवे ढाला के गेट मैन के सहारे इसकी सूचना भिजवाई .सूझबूझ का परिचय देते हुए स्टेशन अधीक्षक रणजीत सिंह राणा ने भी डाउन दिशा से आने वाली मालगाड़ी के दिये गये सिग्नल को तुरंत रद्द किया.
जिससे एक अप्रिय घटना को वक़्त रहते घटित होने से टाला गया.
थोड़ी देर बाद ही गुजरती डाउन इंटरसिटी पैसेंजर
समय रहते टूटी पटरी को देख लिया गया जिससे एक बड़ा हादसा टल गया.स्थानीय लोगों की नजर इस टूटी पटरी पर नहीं पड़ती तो इसी जगह से कुछ समय में डाउन इंटरसिटी पैसेंजर को गुजरना था जो इन दिनों सड़क मार्ग बंद होने के कारण यात्रियों से भरी रहती हैं. खैर,शुक्र था कि कोई अप्रिय घटना को घटित होने के पहले ही लोगों व रेलकर्मियों की तत्परता से टाल दिया गया.

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