समस्तीपुरः सदर अस्पताल में एक बार फिर डोयन जांच केंद्र में ताला लटक गया. मानदेय की राशि नहीं मिलने एवं केमिकल्स के अभाव में कर्मियों ने जांच कार्य बंद कर दिया.
नतीजतन गुरुवार सदर अस्पताल आने वाले मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा. मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के साथ आउट सोर्सिग सेवा के तहत डोयन डाइगोनिस्टक एंड रिसर्च फाउंडेशन के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में डोयन पैथोलोजिलक लैब चलाया जा रहा था. प्रत्येक वर्ष डोयन फाउंडेशन के साथ काम करने के लिए नवीकरण किया जाता था. लेकिन इस बार आजतक नवीकरण नहीं हो सका. जांच केंद्र की सुविधा जिले के सभी पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल में जारी किया गया. इसके तहत सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को 14 प्रकार की जांच नि:शुल्क दिया जा रहा था.
कर्मियों ने बताया कि नवंबर माह के बाद कर्मियों को एक भी बार मानदेय की राशि कंपनी द्वारा नहीं दी गयी है. वहीं केमिकल्स नहीं मिलने के कारण नियमित जांच करने में परेशानी आ रही है. पीएचसी एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में तो एक माह पूर्व से ही जांच केंद्र बंद चल रहा है. सदर अस्पताल में चल रहा सेवा भी गुरुवार से बंद कर दिया गया.
स्वास्थ्य विभाग को पूर्व में दी गयी थी जानकारी
डोयन जांच केंद्र के कर्मियों की परेशानी के बारे में स्वास्थ्य विभाग एवं डोयन फाउंडेशन के व्यवस्थापक को भी दी गयी थी.
इसके बाद भी नवीकरण के प्रति न तो स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो सका और न तो फाउंडेशन. जिसके कारण स्थिति यह हो गयी कि डोयन सेवा पूर्णत: बंद हो गया. बतादें कि इस संबंध में एक माह पूर्व ‘प्रभात खबर’ में समाचार भी प्रकाशित की गयी थी. कर्मियों ने बताया कि पांच माह से मानदेय की राशि नहीं मिलने से भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. फाउंडेशन के द्वारा केमिकल्स भी उपलब्ध नहीं कराया गया है. लोकल स्तर से एक दो बार केमिकल्स खरीद किया गया था.