कल्याणपुर : रामेश्वर जूट मिल के मजदूर यूनियन ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सेवानिवृत्त मजदूरों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है. इस बाबत यूनियन के महामंत्री अमरनाथ सिंह का बताना है कि प्रबंधन के साथ वर्ष 2014 में एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ था़ समझौते के अनुसार प्रत्येक वर्ष सेवानिवृत्त मजदूरों के ग्रेच्युटी सहित अन्य मदों में पांच से छह लाख रुपये प्रति माह दिया जाना था़ लेकिन, इस ओर प्रबंधन के द्वारा कोई पहल नहीं की गयी़
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रामेश्वर जूट मिल : सेवानिवृत्त मजदूर आर-पार के मूड में
कल्याणपुर : रामेश्वर जूट मिल के मजदूर यूनियन ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सेवानिवृत्त मजदूरों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है. इस बाबत यूनियन के महामंत्री अमरनाथ सिंह का बताना है कि प्रबंधन के साथ वर्ष 2014 में एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ था़ समझौते के अनुसार प्रत्येक वर्ष सेवानिवृत्त मजदूरों […]
इसके बाद डीएलसी को आवेदन देकर वादाखिलाफी के लिए प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की गयी थी़ डीएलसी की मध्यस्थता में 20 जनवरी 2016 को पुन: एक समझौता किया गया, जिसमें प्रति माह दस लाख रुपये सेवानिवृत्त कर्मियों को दिया जाना था़ लेकिन अब तक प्रबंधन ने इस मद में कोई भी राशि निर्गत नहीं की है़
वहीं इससे आक्रोशित मजदूरों ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर 19 अप्रैल को समाहरणालय के समक्ष धरना दिया था़ धरना कार्यक्रम में पहुंच डीएलसी दरभंगा कुमार गोविंद, श्रम अधीक्षक अनिल कुमार शर्मा, श्रम निरीक्षक प्रवीण प्रभात ने धरनास्थल पर पहुंच 10 मई तक बकाया भुगतान कराने का आश्वासन दिया़ इसके बाद सभी अधिकारी मुक्तापुर जूट मिल पहुंच सेवानिवृत्त कर्मियों की 444 व्यक्तियों की सूची, वहीं भुगतान में विलंब का कारण जाना़
दूसरी ओर सेवानिवृत्त कर्मियों की मानें तो प्रबंधन के द्वारा अधिकारियों को प्रभावित कर लिया जाता है़ इस कारण मजदूरों के हितों की अनदेखी लगातार हो रही है़ नये डीएलसी के योगदान से कुछ लोगों की उम्मीदें बंधी हैं, लेकिन पूर्व के अनुभवों के आधार पर लोग आशंकित हैं. वहीं सेवानिवृत्त मजदूरों का बताना है कि इस बार भी अगर सकारात्मक पहल नहीं हुई, तो मजदूर आर-पार के मूड में हैं.
फैक्टरी के मुख्य द्वार पर धरना देकर जाम करने की बात कही गयी है़ वहीं उत्पादन तक ठप कर देने की चेतावनी दी गयी है़ साथ ही पिछले लगभग दो वर्षों से मजदूरों के मजदूरी से इपीएफ मद की राशि काट ली गयी है, लेकिन मजदूरों के खाते में अब तक इन्हें नहीं भेजा गया है़ उसे वित्तीय अनियमितता बताते हुए मजदूर संघ ने सड़क से न्यायालय तक वाद चलाने की बात कही है़ वहीं मिल प्रबंधन की ओर से कोई भी सक्षम अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं था़ वहीं प्रबंधन का बताना है कि सारे मामले से कोलकाता मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी.
2010 से मजदूरों की ग्रेच्युटी लंबित
मिल प्रबंधन ने कोलकाता मुख्यालय को स्थिति से कराया अवगत
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