समस्तीपुरः जेलों में बंद कैदी यदि गुंडई करेंगे तो उनकी सजा एक साल और बढ़ा दी जायेगी. जेल प्रशासन को प्रत्येक बंदी पर विशेष नजर रखने का आदेश देते हुए गुंडई करने वालों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है़ कारा आइजी प्रेम सिंह मीणा ने डीएम को ऐसे बंदियों की पहचान कर सामान्य सजा के अलावा एक साल की अतिरिक्त सजा देने का आदेश जारी किया है़ जानकारी के अनुसार कारा अधिनियम की धारा 52 के तहत डीएम को यह शक्ति है कि कारा के भीतर अवैध और अनीतिपूर्ण कार्य के लिए बंदियों की सजा एक साल के लिए बढ़ा सकते हैं़
कारा आइजी ने यह भी कहा कि कारा में दबंग बंदियों को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं और सामान्य बंदियों को निर्धारित सुविधा भी नहीं मिलती़ इतना ही नहीं शिकायत यह भी है कि दबंग बंदियों और कारा कर्मी सामान्य बंदियों को सीट देने के लिए और दूसरे काम के लिए अवैध राशि की वसूली करते है़ डीएम से अनुरोध किया गया है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिना समुचित पहचान पत्र के किसी भी बंदियों से मिलने की अनुमति नहीं होगी़ इसके पीछे का तर्क है कि कारा में कुख्यात बंदियों से मिलने के लिए उनके अपराधी सदस्य भी आते है़
वे अपना नाम, पता आदि गलत लिखवाते है़ मुलाकात के दौरान अपराध की योजनाएं बनाने या रंगदारी वसूली आदि से संबंधित सूचनाएं भी प्राप्त होती है़. साथ ही कहा गया है कि कारा में प्रतिबंधित सामान की बरामदगी होती है और उसमें कारा कर्मियों की भूमिका स्पष्ट तौर पर सामने आती है तो उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करें.
हर दो माह पर नहीं लगता बंदी दरबार
बिहार कारा हस्तक 2012 के तहत डीएम को अपने स्तर से बंदी दरबार लगाने का प्रावधान है़ लेकिन विगत 6 माह से मंडल कारा में बंदी दरबार नहीं लगाया गया है़
विगत वर्ष जुलाई माह के अंत में डीएम के द्वारा बंदी दरबार लगाया गया था़ जबकि हर दो माह पर बंदी दरबार लगाना है़ काराधीक्षक मनोज कुमार का कहना है कि विगत जनवरी माह में बंदी दरबार लगना था, लेकिन आवश्यक कार्य में व्यस्त होने के कारण डीएम नहीं आ सक़े जल्द ही जनता दरबार आयोजित किया जायेगा.