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जाड़े में बढ़ जाता है ब्रेन स्ट्रोक व हर्ट अटैक का खतरा

समस्तीपुर : प्रकृति के नियम के अनुसार मौसम में बदलाव एक निश्चिंत अंतराल पर होते रहता है. यह होना मानव जीवन ही नहीं बल्कि सभी सजीव प्राणियों के लिए जरूरी है. खेती-बाड़ी से लेकर बाग बगीचे के लिए उतने ही मौसम में बदलाव आवश्यक है, जितना हमारे जीवन के लिये. मौसम के बदलाव का सकारात्मक […]

समस्तीपुर : प्रकृति के नियम के अनुसार मौसम में बदलाव एक निश्चिंत अंतराल पर होते रहता है. यह होना मानव जीवन ही नहीं बल्कि सभी सजीव प्राणियों के लिए जरूरी है. खेती-बाड़ी से लेकर बाग बगीचे के लिए उतने ही मौसम में बदलाव आवश्यक है, जितना हमारे जीवन के लिये. मौसम के बदलाव का सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों असर हमारे जीवन पर पड़ता है. हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. ऐसे में हम अपनी शारीरिक सक्रियता बढ़ाकर ढेर सारी बीमारियों से अपने को बचा सकते हैं.

शहर के प्रमुख फिजिशियन डॉ एके आदित्य ने कहा कि जो लोग नियमित जीवन जी रहे हैं, उनका शरीर मौसम के बदलाव के साथ अपने को अनुकूलीकरण कर लेता है. पर, जो जीवन को नियमित नहीं कर पाते हैं, उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जीवन के नियमित अनुकूलीकरण के लिए जरूरी है कि हम नित्य दिन योगा करें. व्यायाम, आसन आदि करें. स्वच्छ पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करते रहें. मौसम के अनुसार अपने खान पान में बदलाव करें.

मौसमी फलों का सेवन करने से भी हम प्रकार की बीमारियों से अपने को बचा सकते हैं. इन सब चीजों के अलावा शारीरिक सक्रियता आवश्यक है. इससे हम मौसम के बदलाव से होने वाली बीमारियों से अपने आपको बचा सकते हैं.

ठंड की वजह से होती हैं कई प्रकार की शारीरिक परेशानियां : पिछले दो दिनों से अचानक ठंड में इजाफा हो गया है. ठंड की वजह से सर्दी, जुकाम, बुखार आदि हो जाता है. ठंड से बचाव के लिये हमारा शरीर खुद ही एसीडीटी को बनाता है. इससे शरीर वार्मअप रह सके.अम्लीय प्रकृति बढ़ जाती है.
ठंड के समय बढ़ती है इन रोगियों की परेशानी : ठंड के समय ब्लड प्रेशर के शिकार लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाती है. उन्हें हर्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. ब्रेन स्ट्रॉक के कारण लकवा का खतरा भी बढ़ जाता है. मानसिक विकलांगता जाड़े के समय में ज्यादा बढ़ जाती है. शरीर के जोड़ों में जकड़न होना शुरू हो जाता है. अर्थराइटिस उग्र हो जाता है. शरीर की त्वचा शुष्क हो जता है. शारीरिक निष्क्रियता के कारण डायबिटीज का नियंत्रण कम हो जाता है. दमा रोगी की परेशानी बढ़ जाती है.
दम तेजी से फूलने लगता है. सीओपीडी वाले रोगी भी परेशानी बढ़ जाती है. जाड़े में बदहजमी की शिकायत भी होने लगती है. थोड़ा भी खाने पर पेट अफड़ने लगता है. बच्चों में वायरल डायरिया का प्रकोप बढ़ जाता है. बच्चों में दम फूलने की बीमारी भी ठंड के मौसम में ज्यादा होती है. ठंड के वजह से हमारे शरीर की त्वचा को भी एलर्जी होने लगती है. कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि पानी छूने पर करंट लगने जैसी स्थिति महसूस होती है.
शारीरिक सक्रियता बढ़ाकर कर सकते हैं विभिन्न रोगों
से बचाव
मौसम के बदलाव का मानव जीवन पर पड़ता है असर
शारीरिक सक्रियता बढ़ाकर कर सकते हैं विभिन्न रोगों
से बचाव
मौसम के बदलाव का मानव जीवन पर पड़ता है असर
परेशानी से बचने के लिए रखें ख्याल
सुबह शाम पूरे शरीर को कपड़ा ढंककर निकलें.
सुबह सूर्य निकलने के बाद ही टहलने के लिए निकलें.
पीने में गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें.
हमेशा ताजा फल व गरम खाना खायें.
शीतल पेय पदार्थों का सेवन करने से बचें.
डायबिटीज के मरीज नियमित रूप से दवा का सेवन करें.
बच्चों को ठंड लगने से बचायें.
हर्ट के मरीज दवा का नियमित सेवन करें, थोड़ी भी परेशानी हो, तो विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें

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