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सामान्य ग्राहक के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार

गुस्सा. बैंककर्मियों की मनमानी से ग्राहकों में बढ़ रहा आक्रोश समस्तीपुर : सरकार के द्वारा नोटबंदी किये जाने से जितनी खुशी लोगों में हुई थी, उससे कहीं ज्यादा तकलीफ बैंककर्मियों की मनमानी से हो रही है. इस वजह से उपभोक्ताओं का आक्रोश बैंकों के कर्मियों के प्रति बढ़ता जा रहा है. सामान्य उपभोक्ताओं के साथ […]

गुस्सा. बैंककर्मियों की मनमानी से ग्राहकों में बढ़ रहा आक्रोश

समस्तीपुर : सरकार के द्वारा नोटबंदी किये जाने से जितनी खुशी लोगों में हुई थी, उससे कहीं ज्यादा तकलीफ बैंककर्मियों की मनमानी से हो रही है. इस वजह से उपभोक्ताओं का आक्रोश बैंकों के कर्मियों के प्रति बढ़ता जा रहा है. सामान्य उपभोक्ताओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किये जाने का आरोप बैंककर्मियों पर लगाये जा रहे हैं. कई उपभोक्ताओं ने तो सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने की मांग बैंक के उच्चाधिकारियों से की है, जिससे इन बैंककर्मियों की सच्चाई सामने आ सके.
एडीबी हसनपुर, मेन ब्रांच एसबीआइ, एसबीआइ मंगलगढ़ सहित ग्रामीण बैंक की विभिन्न शाखाओं पर पहुंचने वाले उपभोक्ता बैंक कर्मियों की मनमानी से आहत हैं. कर्मियों की मनमानी से उपभोक्तओं का बढ़ता जा रहा है. सरकार ने स्पष्ट घोषणा कर रखी है कि एक सप्ताह में कोई भी खाताधारी 24 हजार रुपये तक की राशि अपने खाता से निकाल सकता है, जबकि स्टेट बैंक की विभिन्न शाखाओं द्वारा महज दस हजार रुपये ही उपभोक्ताओं को दिये जा रहे हैं.
ग्रामीण बैंक की शाखा तो महज दो हजार रुपये ही उपलब्ध करा रही है. इस वजह से इन बैंक कर्मियों में काफी रोष है. गोदह के अखिलदेव मुखिया कहते हैं प्रत्येक दिन बैंक जाते हैं और बिना राशि निकाले ही लौट आते हैं. नवीन राम, उचित राम, रामचंद्र दास, राम बहादुर महतो ने बताया कि बैंक द्वारा सही तरीके से भुगतान नहीं होने के कारण उनकी खेती प्रभावित हो रही है. भटवन की शकुंतला देवी बताती है कि बेटा परदेश में रहता है. घर में पैसे नहीं है. वह बैंक से पैसे निकालने के लिये आती है, पर उसे वापस लौटना पड़ता है. सब्जी खरीदने के लिए भी पैसे नहीं है. नमक रोटी खाकर खुद और उसके बच्चे रह रहे हैं.
किसान लाल बहादुर यादव, व्यवसायी कन्हैया सिंह, किसान चंद्रभूषण राय, डाॅ शिबू तांती का कहना है कि बैंक कर्मी की मनमानी के कारण यह परेशानी हैं. सरकार तो कालाधन को रोकने के लिये यह कदम उठाया किंतु बैंककर्मियों द्वारा सरकार की इस महत्वपूर्ण कदम को फल्योर किया जा रहा है. ग्राहकों को इतनी तकलीफ दी जा रही है कि लोग सरकार के खिलाफ आवाज उठाये. इन लोगों ने कहा कि बैंक कर्मी के ईद-गिर्द रहने वाले लोगों को कोई दिक्कत नहीं है. उन्हें रात में भी पैसे दे दिये जाते हैं, जबकि आम उपभोक्ताओं को चार बजे के बाद माइक से अनाउंस कर कह दिया जाता है कि आप लोग अब घर लौट जायें,
अगले दिन आइयेगा. दिनभर लाइन में लगने के बाद भी पैसा नहीं मिल पाता है. इन लोगों ने बैंक के उच्चाधिकारी से मांग करते हुए कहा कि बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच करायी जाये. इसमें दस बीस चेहरे प्रतिदिन नजर आयेंगे तो रुपये निकालते दिखेंगे. एक व्यक्ति चार पांच लोगों का पासबुक लेकर आता है व आराम से पैसे निकालकर चला जाता है, जबकि अन्य उपभोक्ताओं को प्रतिदिन दिनभर लाइन में लगने के बाद भी पैसे नहीं मिल पाते हैं. इस बाबत पूछे जाने पर विभिन्न बैंकों के प्रबंधकों ने आरोप को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है. कर्मियों की कमी एवं कैश की उपलब्धता के आधार पर राशि देने की बात कह रहे हैं.
सीसीटीवी फुटेज से जांच की मांग
प्रखंड के सभी एटीएम आज तक बंद
प्रखंड के स्टेट बैंक के तीन एवं इंडियन बैंक के दो एटीएम हैं. यह पांचों एटीएम पिछले आठ नवंबर से ही बंद है. इसके बंद रहने के कारण परेशानी और बढ़ गयी है. इन एटीएम को चालू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. इससे लोगों की पूरी तरह निर्भरता बैंकों पर है.
डाकघर में नहीं हैं पैसे
दूधपुरा एवं हसनपुर में उपडाक घर हैं. पर, दोनों ही डाक घर से पैसे नहीं मिल रहे हैं. ग्राहकों को यह कहकर लौटा दिया जाता है कि उनके पास कैश नहीं है. परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं में आक्रोश देखा जा रहा है. लोग अपना पैसा भी बैंक या डाक घर से नहीं निकाल पा रहे हैं.

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