राजस्व पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
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नप में सिक्के को लेकर बढ़ा तनाव नहीं ले रहे जमा सिक्का रोकड़पाल
राजस्व पर पड़ रहा प्रतिकूल असर समस्तीपुर : नगर परिषद में कर्पूरी बस पड़ाव के टॉल वसूली से प्राप्त एक, दो, पांच व दस के सिक्के को लेकर काफी तनाव बढ़ गया है. टैक्स दरोगा व रोकड़पाल के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. जानकारी के मुताबिक, कर्पूरी बस पड़ाव के टॉल वसूली से […]
समस्तीपुर : नगर परिषद में कर्पूरी बस पड़ाव के टॉल वसूली से प्राप्त एक, दो, पांच व दस के सिक्के को लेकर काफी तनाव बढ़ गया है. टैक्स दरोगा व रोकड़पाल के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. जानकारी के मुताबिक, कर्पूरी बस पड़ाव के टॉल वसूली से प्रतिदिन चार से पांच हजार सिक्के प्राप्त हो रहे हैं. लेकिन रोकड़पाल इसे जमा लेने से इनकार कर रहे हैं. नप का कर विभाग इसकी जानकारी कार्यपालक पदाधिकारी को दे दी है. वहीं होल्डिंग टैक्स नहीं मिलने के कारण कर विभाग की परेशानी काफी बढ़ गयी है. बताते चलें कि पांच सौ व हजार के नोट बंद होने की घोषणा के बाद से होल्डिंग टैक्स वसूली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. कर विभाग के अनुसार प्रतिमाह होल्डिंग टैक्स के माध्यम से 20-25 लाख की राजस्व वसूली की जा रही थी.
लेकिन नोटबंदी के बाद से नवंबर माह में 5-6 लाख भी राजस्व वसूली हो सके तो यह बहुत होगा. नप सूत्रों के अनुसार अन्य जिलों में नगर परिषद प्रशासन द्वारा 500 व 1000 के नोट स्वीकार किये जा रहे हैं. लेकिन यहां इस संबंध में कोई आदेश प्राप्त नहीं होने के कारण आम लोग होल्डिंग टैक्स वसूली के क्रम में बंद पड़े नोट थमा अपनी व्यथा सुना रहे हैं. इधर, कर विभाग से जुड़े कर्मियाें का कहना है कि राजस्व वसूली कम होती है, तो उनकी आर्थिक दशा भी प्रभावित होगी. इस संबंध में पूछने पर इओ देवेंद्र सुमन का कहना है कि विभाग के द्वारा इस संबंध में कोई आदेश प्राप्त नहीं है.
अधिकतर एटीएम बंद
शहर में बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, ओरियेंटल बैंक, यूको बैंक, पीएनबी, मनी स्पॉट, समेत अन्य बैंकों के करीब एक दर्जन एटीएम भी संचालित हैं, लेकिन विडंबना हैं कि इनके शटर ही बंद मिलते हैं. अगर, एकाध के शटर खुले भी हों तो उनमें केश ही नहीं हैं. वहीं बैंक की शाखाओं में सुबह से ही सैंकड़ों लोग लाइन में लगे होते हैं, तो दिनभर की आपाधापी के बाद कुछ ही लोगों को राशि नसीब हो पाती है और कुछ को वापस लौटने को विवश होना पड़ता है़ इधर, 500 व 1000 रुपये के पुराने करेंसी 9 नवंबर की आधी रात से बंद कर दिये जाने के बाद से लोगों के बीच आपाधापी मची है़
हालात ऐसे हैं कि दैनिक आवश्यक सामान की खरीदारी को लेकर भी लोगों की जेबें खाली पड़ी है़ं परिणाम हैं कि पौ फटते ही अहले सुबह से विभिन्न बैंकों की शाखाओं, डाकघर व एटीएम पर महिला-पुरुषों की लंबी कतारें घंटों उनके खुलने का इंतजार करती नजर आ रही है़ आम लोगों की मुश्किल यह है कि उनके पास किराना, गल्ला-राशन, दूध, नमक, चीनी, सब्जी व अन्य रोजाना दिनचर्या की वस्तुएं भी खरीदना मुश्किल हो गया है और इसके लिए लोग बेचैन बने हैं. दुकानदार जहां पुराने नोट नहीं ले रहा और सामान भी उधार नहीं दे रहा़ वहीं दैनिक रोजमर्रा की वस्तुएं भी लोगों की थाली से तत्काल दूर हो गयी है़
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