समस्तीपुर रेल मंडल का मामला, उच्च स्तरीय जांच शुरू
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रेलवे का 13 टैंकर डीजल गायब बरौनी से चला था सहरसा के िलए
समस्तीपुर रेल मंडल का मामला, उच्च स्तरीय जांच शुरू समस्तीपुर : बरौनी रिफाइनरी से सहरसा स्टेशन के लिए चले डीजल के 13 टैंकरों के गायब होने का मामला सामने आया है. सहरसा स्टेशन समस्तीपुर रेल मंडल में आता है. चर्चा है कि डीजल को बीच में ही बेच दिया गया है. मामला सामने आने के […]
समस्तीपुर : बरौनी रिफाइनरी से सहरसा स्टेशन के लिए चले डीजल के 13 टैंकरों के गायब होने का मामला सामने आया है. सहरसा स्टेशन समस्तीपुर रेल मंडल में आता है. चर्चा है कि डीजल को बीच में ही बेच दिया गया है. मामला सामने आने के बाद रेलवे ने उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी है. आरपीएफ व रेलवे की सीआइबी टीम मामले को देख रही है. डीजल के टैंकर गायब होने में रेलवे कर्मियों की संलिप्तता की बात भी सामने आ रही है.
टैंकर के चलान पर सहरसा के स्टेशन अधीक्षक का हस्ताक्षर व मुहर की बात सामने आयी है, हालांकि उन्होंने चालान पर हस्ताक्षर की बात से इनकार किया है. गायब तेल का बाजार मूल्य करीब डेढ़ करोड़ रुपये है. यह टैंकर तेल पिछले तीन माह के दौरान गायब किये गये हैं. मामले में मंडल प्रशासन प्राथमिकी को लेकर विशेषज्ञों की राय ले रहा है. मामले में बरौनी जीआरपी थाने में प्राथमिकी की जा सकती है. हालांकि, रेलवे का कोई अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है.
रेलवे का 13 टैंकर
रेलवे सूत्रों ने बताया कि दस दिन पूर्व सहरसा स्टेशन पर डीजल खत्म हो गया था. एक्सप्रेस ट्रेनों में डीजल डाला जाना था. जब अधिकारियों ने बरौनी रिफाइनरी को फोन कर शेष बचे तेल की मांग की, तो बताया गया कि कोई तेल बकाया नहीं है. आपकी डिमांड का सारा तेल भेजा जा चुका है. रिफाइनरी के इस जवाब के बाद रेलवे अधिकारियों के होश उड़ गये. तत्काल मामले की सूचना समस्तीपुर मुख्यालय को दी गयी.
मुजफ्फरपुर का भी एक टैंकर तेल गायब. सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान यह बात भी सामने आयी है कि बरौनी से मुजफ्फरपुर के लिए चला तेल टैंकरों में से एक टैंकर तेल स्टॉक प्वाइंट पर नहीं पहुंचा है. इसको लेकर रेलवे में चर्चा जोरों पर है कि तेल कालाबाजार में बेचा गया है.
कहां गया तेल
गायब डीजल का डेढ़ करोड़ है मूल्य
मामला सामने आने के बाद हड़कंप
रेलवे कर्मियों की हो सकती है मिलीभगत
कागजों में रिसीव दिखाया गया है तेल
कुछ भी बोलने से बच रहे अधिकारी
तेल रास्ते में बेचे जाने की हो रही बात
तीन माह में गायब
हुए 13 टैंकर
जांच के दौरान पता चला कि तीन माह के दौरान बरौनी रिफाइनरी से सहरसा के लिए अलग-अलग खेप में डीजल भेजे गये. अगर अगस्त माह में पांच बार 20 टैंकर आये, तो उसमें से पांच टैंकर तेल बरौनी से तो चले, लेकिन सहरसा के स्टॉक प्वाइंट पर नहीं पहुंचे. हालांकि, टैंकर चालक ने चलान पर तेल रिसीव दिखाया है. इसी तरह सितंबर व अक्तूबर माह में भी ऐसा ही किया गया.
आरपीएफ व सीआइबी कर रही जांच
रेलवे सूत्रों ने बताया कि मामला उजागर होने के बाद आरपीएफ व सीआइबी की टीम जांच कर रही है. चर्चा है कि गायब टैंकर के सभी 13 चलान पर एसएस के अलग-अलग हस्ताक्षर हैं. इससे आशंका जतायी जा रही है कि टैंकर चालक ने जालसाजी कर तेल को कहीं अन्य जगह कालाबाजार में बेच दिया. हालांकि, इस बात की भी आशंका से इनकार नहीं किया गया कि इस खेल में रेलवे का कोई अधिकारी व कर्मचारी संलिप्त न हो.
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