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सेटिंग-गेटिंग का चलता है खेल

गड़बड़झाला. िबजली बिल में गड़बड़ी का खािमयाजा भुगतते हैं उपभोक्ता समस्तीपुर : बिजली बिल अगर किसी महीने आपको निर्धारित रकम से 20 से 25 गुणा अधिक आ जाये या यूं कहें कि सैकड़ों व कुछ हजारों में प्रति महीने आने वाला बिल अचानक लाखों में आ जाये, तो इसमें घबराने की जरूरत नहीं है. आप […]

गड़बड़झाला. िबजली बिल में गड़बड़ी का खािमयाजा भुगतते हैं उपभोक्ता

समस्तीपुर : बिजली बिल अगर किसी महीने आपको निर्धारित रकम से 20 से 25 गुणा अधिक आ जाये या यूं कहें कि सैकड़ों व कुछ हजारों में प्रति महीने आने वाला बिल अचानक लाखों में आ जाये, तो इसमें घबराने की जरूरत नहीं है. आप समझ जायें कि कार्यालय से बुलावा आया है. वहां जायें, चढ़ावा चढ़ायें, फिर मिनटों में ही वह लाख रुपये सैकड़ों में बदल जायेगा. हां ये बात अलग है कि वहां जाने पर पहले तो आपको कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा झिड़की दी जायेगी. शिकायत लेकर आपको बार-बार दौड़ाया जायेगा.
अगर, आप कुछ समझदार हैं, तो जल्द काम बन जायेगा अन्यथा विभाग के कार्यालयों के ईद-गिर्द मंडरा रहे बिचौलिये नीचे से ऊपर तक का फीस लेकर कुछ दिनों में आपका काम करवा देंगे. हां ये हकीकत है कि समस्तीपुर के बिजली विभाग के कार्यालयों का. जहां वर्षों से सेटिंग-गेटिंग का खेल चल रहा है. पहले तो विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को मनमाने तरीके से बढ़ा-चढ़ा कर बिल भेजा जाता है. उसके बाद उपभोक्ताओं से उक्त बिल विपत्र को ठीक करने के एवज में अवैध उगाही की जाती है. जिले में कुछ केसों पर अगर नजर दौरायें, तो सच्चाई खुद सामने आ जायेंगी. इस बाबत संपर्क करने पर कार्यपालक अभियंता पंकज राजेश से संपर्क नहीं हो सका. इसके कारण उनका पक्ष नहीं जाना जा सका.
केस संख्या 01 : शहर के स्टेशन रोड निवासी अरुण सर्राफ बिजली विभाग के एक नियमित उपभोक्ता हैं, जो हर महीने ससमय बिल का भुगतान कर देते हैं. मई महीने के अंत में बिजली विभाग के कर्मी ने उनके मीटर का रीडिंग लिया. इसके एक दो रोज बाद इन्होंने देखा कि मीटर खराब है. इसकी लिखित शिकायत बिजली कार्यालय में इन्होंने छह जून को कर दिया. इसके बाद जो पहले दस से ग्यारह हजार रुपये प्रति महीना बिल आता था अचानक जून महीने का बिल तीन लाख 69 हजार 312 भेजा गया. इसमें सुधार के लिए इन्होंने कई मर्तबा बिजली कार्यालय में लिखित शिकायत की, लेकिन इन्हें कुछ से कुछ कह कर लौटा दिया जाता था.
बिल जमा नहीं होने की स्थिति विभाग ने उन्हें लाइन काटने की भी चेतावनी दे दी. तब थक कर उन्होंने 30 हजार रुपये जमा किये. इसके बाद कई बार चक्कर लगाते देख इनकी मुलाकात कार्यालय के बाहर खड़े एक व्यक्ति से हुई जिसने कुछ ले-दे कर बिल ठीक करा देने का आश्वासन दिया और डील होने पर वही बिल सुधार हो कर 14 हजार 116 रुपये में बदल गयी.
केस संख्या – 04 : रोसड़ा के ही महादेव मठ निवासी देव नारायण साह को अगस्त महीने में विभाग ने पांच सौ के स्थान पर एक लाख 75 हजार 924 रुपये का बिल भेजा है. इन्हें पिछले महीने ही जुलाई माह में मात्र 537 रुपये का बिल भेजा गया था और अमूमन हर महीने पांच सौ के आसपास ही इनका बिल होता था. देव नारायण पिछले कई दिनों से बिल विपत्रठीक कराने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.
हजार के बजाय लाखों में मनमाने तरीके से भेजा जा रहा बिजली बिल
िबजली बिल ठीक करने के नाम पर उपभोक्ताओं से होती है अवैध उगाही
केस संख्या – 02 : रोसड़ा के वार्ड नंबर एक की बुजुर्ग महिला सरस्वती देवी तो बिजली बिल देख कर ही बीमार पड़ गयी थी. यह घटना करीब दस दिन पूर्व की है. महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भरती तक कराना पड़ा था. हुआ कुछ यूं कि इनका बिजली बिल प्रति महीने करीब चार सौ रुपये के आसपास होता था, लेकिन अगस्त महीने का बिल 2 लाख 10 हजार 471 रुपये का आया. इसे देखते ही वह बेहोश होकर गिर पड़ीं. इलाज के बाद परिजनों ने बिल विपत्र ठीक हो जाने का आश्वासन देकर इन्हें शांत किया.
केस संख्या – 03 : शहर के मदन कुमार नामक एक उपभोक्ता को भी तीन महीने पूर्व करीब छह लाख रुपये का बिजली बिल भेजा गया. इनकी मानें तो पहले ये भी नियमित रूप से बिजली विभाग के बिल का भुगतान करते आ रहे हैं. जो अमूमन हर माह पांच से साढ़े पांच हजार रुपये तक ही रहता था. लेकिन अचानक उन्हें विभाग ने छह लाख रुपये का बिल भेज दिया. इसे ठीक कराने में उन्हें काफी दौड़ लगानी पड़ी.

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