बिजली संकट. अंधेरे में डूबा ग्रामीण क्षेत्र, उपभोक्ताओं में रोष
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रोटेशन पर चल रहे फीडर
बिजली संकट. अंधेरे में डूबा ग्रामीण क्षेत्र, उपभोक्ताओं में रोष मांग 60 मेगावाट व आपूर्ति 40 समस्तीपुर : जिले में बिजली संकट गहरा रहा है. इसके कारण कई फीडरों को रोटेशन के आधार पर चलाया जा रहा है. इसके कारण अधिकतर इलाकों खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति की स्थिति काफी खराब है. यदि आपूर्ति हो […]
मांग 60 मेगावाट व आपूर्ति 40
समस्तीपुर : जिले में बिजली संकट गहरा रहा है. इसके कारण कई फीडरों को रोटेशन के आधार पर चलाया जा रहा है. इसके कारण अधिकतर इलाकों खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति की स्थिति काफी खराब है. यदि आपूर्ति हो भी रही है तो कई इलाकों में लो वोल्टेज के कारण उपभोक्ताओं को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. बीते करीब एक सप्ताह में बिजली की यह समस्या तेजी से गहरा रही है. कई इलाके ऐसे हैं जहां 24 घंटे में महज चार से
पांच घंटे ही विद्युत आपूर्ति की जा
रही है. जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर शहरी व ग्रामीण इलाकों में राउंड द क्लाॅक विद्युत आपूर्ति के लिये कम-से-कम 60 मेगावाट बिजली की जरूरत है, जबकि विगत एक सप्ताह से जिले को 40 मेगावाट ही बिजली मिल पा रही है. इसमें से शहरी क्षेत्रों को फिलहाल 22 घंटे तक की आपूर्ति हर रोज कर दी जा रही है. इसमें जिले को प्राप्त होने वाली कुल 40 मेगावाट बिजली में से करीब 20 मेगावाट बिजली की खपत हो जाती है. वहीं,
ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 24 घंटे में 16 से 18 घंटे विद्युत आपूर्ति के दावे किये जा रहे हैं. यह भी रोटेशन के आधार पर. क्योंकि एक साथ सभी फीडर में विद्युत आपूर्ति बहाल कर देने पर ऊर्जा लोड नहीं ले पायेगी. इस कारण एक फीडर को कुछ घंटे आपूर्ति रोककर दूसरे फीडर को बिजली सप्लाई करने की मजबूरी बनी हुई है. इसमें खासतौर से कल्याणपुर व सिरसिया फीडर को रोटेशन पर रखा जा रहा है. कभी-कभी स्थिति यह हो जाती है कि सिरसिया फीडर को विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से रोक देनी पड़ती है. इसका असर संबंधित क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर साफ साफ नजर आता है.
ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ता संजय कुमार कहते हैं कि उनको गर्मी के समय में कभी भी फुल वोल्टेज सप्लाई नहीं मिला. इस कारण रात को उमस भरी गर्मी में आसमान के नीचे रात बिताने की मजबूरी है. विभाग लो वोल्टेज परोस कर अपना विपत्र पूरा पूरा वसूल करने पर तुला है. यदि इसमें कोताही होती है तो वह कानून का भय दिखा कर उपभोक्ताओं को दबाने का प्रयास करता है. इस तरह उपभोक्ता कंपनी और आपूर्ति के बीच पीस
रहे हैं. जिस पर विभाग को तत्काल ध्यान देना चाहिए.
मुजफ्फरपुर जा रही बिजली
रोजाना 58 से 60 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति मोहनपुर पावर ग्रिड को मिल रही है. इतना ही नहीं, मोहनपुर पावर ग्रिड से बिजली की आपूर्ति मुजफ्फरपुर को भी होती है. यहां से विगत सप्ताह मेें रोजाना 32 मेगावाट बिजली की सप्लाई मुजफ्फरपुर को की जाती है. यह पिक आवर में 58 मेेगावाट तक हो जाती है. इस बाबत सहायक अभियंता ने बताया कि यह बिजली मुजफ्फरपुर से आगे मोतिहारी से लेकर ढाका तक जा रही है, जबकि विद्युत विभाग 30-35 मेगावाट बिजली मोहनपुर पावर ग्रिड से ले रहा है.
आपातकालीन बिजली कोटा
रेलवे एक मेगावाट
जितवारपुर एक मेगावाट
रामेश्वर जुट मिल एक मेगावाट
मोहनपुर एक मेगावाट
पूसा विश्वविद्यालय 1.5 मेगावाट
बिजली की किल्लत
विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता पंकज राजेश ने बताया कि यहां बिजली की किल्लत के कारण रोटेशन के आधार पर फीडर चलाये जा रहे हैं. बिजली की किल्लत के कारण कल्याणपुर व सिरसिया फीडर को रोटेशन के आधार पर संचालन किया जा रहा है.
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