समस्तीपुरः एंबुलेंस 102 कर्मी मंगलवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गये हैं. जिसके कारण जिले की स्वास्थ्य सेवा चरमाराने लगी है. खास कर गर्भवती महिलाओं और गंभीर मरीजों की परेशानियां बढ़ी है. इस स्थिति को भांप रहे स्वास्थ्य विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो गयी हैं.
निजी वाहनों पर निर्भर
सदर अस्पताल में सुबह से ही एंबुलेंस कर्मियों ने मरीजों को बड़े अस्पतालों में पहुंचाने के कार्य से अपना हाथ पीछे खींच लिया. जिससे जरुरतमंद मरीजों को निजी वाहनों और निजी अस्पतालों में संचालित एंबुलेंस सेवा लेने के लिए विवश होना पड़ा. इससे उन्हें आर्थिक क्षति हुई है. मरीजों को लाने और ले जाने की परेशानियां अलग से बढ़ गयी है.
140 मरीजों पर पड़ा प्रभाव
आंकड़ों पर नजर डालें तो एंबुलेंस 102 सेवा जिले के करीब 24 प्रमुख अस्पतालों में क्रियाशील है. जिससे औसतन प्रति महीने एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से करीब 220 से 250 मरीजों को सेवा उपलब्ध करायी जाती है. इस तरह कर्मियों की हड़ताल के कारण औसतन हर दिन 140 मरीज इसके लाभ से वंचित हुए हैं. कई अस्पतालों में कई गंभीर मरीज स्थानीय स्तर पर ही इलाज कराने के लिए विवश हुए.
कर्मियों ने की आपात बैठक
हड़ताल के पहले दिन एंबुलेंस कर्मियों ने सदर अस्पताल परिसर में संगठन के जिलाध्यक्ष भोला कुमार की अध्यक्षता में आपात बैठक की. जिसमें मांगों को जायज ठहराते हुए उसे पूरा होने तक एकजुट होकर आंदोलन पर डटे रहने का ऐलान किया. मौके पर सचिव संजय कुमार, मो. इजहार खान, सरोज कुमार, विनोद कुमार, संतोष कुमार, रामसेवक सिंह आदि थे.