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पांच फीसदी घरों में सप्लाई का पानी

शहर में दो जलमीनार, एक से सिर्फ सरकारी आवासों में होती है सप्लाई शहर के 13 हजार घरों में मात्र सात से आठ सौ घरों को ही मिल रहा है इस योजना का लाभ बहादुरपुर स्थित जलमीनार से ही आम लोगों को मिलता है पानी, जर्जर हो चुकी है पाइप लाइन विभाग द्वारा ब्लीचिंग और […]

शहर में दो जलमीनार, एक से सिर्फ सरकारी आवासों में होती है सप्लाई

शहर के 13 हजार घरों में मात्र सात से आठ सौ घरों को ही मिल रहा है इस योजना का लाभ
बहादुरपुर स्थित जलमीनार से ही आम लोगों को मिलता है पानी, जर्जर हो चुकी है पाइप लाइन
विभाग द्वारा ब्लीचिंग और क्लोरिशन नहीं होने के कारण दूषित पानी पी रहे हैं लोग
समस्तीपुर : जिले में शहरी जलापूर्ति योजना का हाल-बेहाल है. शहर में बसने वाले 13 हजार से अधिक परिवारों में मात्र सात सौ से आठ सौ घरों को ही पानी मिल पा रहा है. करीब 12 हजार से अधिक परिवारों ने पेयजल के लिए निजी व्यवस्था कर रखी है. शहर में बिछायी गयी पाइप लाइन पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इस कारण नाले का गंदा पानी इन पाइप लाइनों में प्रवेश कर गया है.
कई जगहों पर दुर्गंधयुक्त गंदा पानी निकल रहा है. वहीं विभाग द्वारा ब्लीचिंग और क्लोरिशन नहीं करवाने के कारण महीनों से लोग दूषित पानी पी रहे हैं.
दो लाख गैलन टंकियों की क्षमता. शहरवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बहादुरपुर एवं सेल्स टैक्स कार्यालय के समीप स्थित पीएचईडी कालोनी में एक-एक लाख गैलन क्षमता वाले दो जलमीनार बनवाये गये थे. इसके लिए करीब 19 किलोमीटर की दूरी में पाइप लाइन भी बिछायी गयी थी. इन्हीं दो जलमीनारों के भरोसे पूरा शहर था. लेकिन पीएचईडी कालोनी की जलमीनार का बोरिंग 26 वर्षों से ठप है इसे कचहरी परिसर के बोरिंग से जोड़कर चलाया जा रहा है. बहादुरपुर स्थित जलमीनार से ही कुछ हद तक आम लोगों को जलापूर्ति की जा रही है.
नहीं होता है ब्लीचिंग का छिड़काव: इन जलमीनारों से आम लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा पानी पूरी तरह से दूषित है. जानकारों की मानें तो पानी के सफाई की कोई व्यवस्था विभाग द्वारा नहीं की जा रही है. जहां महीने में कम से कम दो मर्तबा ब्लीचिंग किया जाना चाहिए वहां कई महीना गुजर जाने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है. वहीं दूसरी ओर नाला एवं सड़क निमार्ण के दौरान पाइप लाइन के कट जाने के कारण यह पानी और भी दूषित हो चुका है.
कई जगह पाइप में घुसा नाला का पानी
चॉक हो रहा है बोरिंग: कचहरी परिसर का बोरिंग भी अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है. बोरिंग के चॉक होने के कारण जलमीनार को जरुरत के मुताबिक पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है, जिस कारण इस जलमीनार से सिर्फ पीएचईडी कालोनी, डीएम आवास, सेल्स टैक्स कार्यालय, जिला परिसद एवं कचहरी परिसर को ही पानी मिल रहा है. बहादुरपुर के बोरिंग की स्थिति फिलहाल ठीक है लेकिन अधिक लोड एवं जर्जर पाइप लाइन के कारण यह भी बंद होने के कगार पर पहुंच चुका है. बराबर खराबी आ जाने के कारण कई कई दिनों तक पेयजल की आपूर्ति ठप रहती है. इस जल मीनार से बहादुरपुर, बंगाली टोला, मालगोदाम चौक से लेकर टुनटुनिया गुमटी तक पानी की सप्लाई की जा रही है.
शहरी जलापूर्ति योजना को जल्द ही दुरुस्त कर दिया जायेगा. इसको लेकर काम भी शुरू कर दिया गया है. डीपीआर तैयार कर टेंडर भी निकाला जा चुका है. 19 करोड़ 69 लाख की लागत से इस योजना पर काम शुरू किया गया है. नगर परिषद क्षेत्र में पड़ने वाले हरेक घर में पाइप लाइन के जरीये पेयजल की व्यवस्था की जायेगी. इसके लिए शहर में जर्जर पाइप लाइनों को बदला जायेगा वहीं नई जगहों पर पाइप लाइन बिछायी जायेगी.
देवेंद्र सुमन, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद

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