समस्तीपुर : सदर अस्पताल में इन दिनों पुरुष मरीजों का ऑपरेशन बंद है. पिछले तीन महीने के दौरान अस्पताल में एक भी पुरुष मरीजों का ऑपरेशन नहीं हुआ है. आम मरीजों के अलावा आरएसबीवाइ (राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना) के कार्डधारी पुरुष मरीजों का भी ऑपरेशन बंद है. हालांकि, अस्पताल में ऑपरेशन के नाम पर महिलाओं […]
समस्तीपुर : सदर अस्पताल में इन दिनों पुरुष मरीजों का ऑपरेशन बंद है. पिछले तीन महीने के दौरान अस्पताल में एक भी पुरुष मरीजों का ऑपरेशन नहीं हुआ है. आम मरीजों के अलावा आरएसबीवाइ (राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना) के कार्डधारी पुरुष मरीजों का भी ऑपरेशन बंद है. हालांकि, अस्पताल में ऑपरेशन के नाम पर महिलाओं का बंध्याकरण जरूर किया जा रहा है. पुरुष मरीजों का ऑपरेशन नहीं करने के पीछे डॉक्टर अस्पताल में पुरुष वार्ड का नहीं होना बता रहे हैं.
अस्पताल में ऑपरेशन बंद होने से निजी अस्पताल संचालकों की चांदी कर रही है. अस्पताल में बिचौलिये टाइप लोग भी सक्रिय हो गये हैं. वह अस्पताल परिसर में मंडराते रहते हैं. जैसे ही उन्हें पता चलता है कि ऑपरेशन कराने के लिए पुरुष मरीज पहुंचे हैं, वैसे ही बिचौलिये उसे अपने चक्कर में फंसा कर निजी अस्पताल ले जाते हैं. निजी अस्पताल में मरीजों का आर्थिक शोषण किया जाता है.
पुरुष वार्ड बंद कर खोला गया नशामुक्ति केंद्र
सदर अस्पताल के पुरुष वार्ड को बंद दिया गया. इसी वार्ड को नशा मुक्ति केंद्र के रूप से विकसित किया है. अब इस केंद्र में मात्र नशा के आदि लोगों को भर्ती कर उसकी काउंसिलिंग की जाती है. इस कारण अस्पताल पहुंचने वाले पुरुष मरीजों का उपचार नहीं हो पाता. उन्हें इमरजेंसी में रखा जाता है, लेकिन अगर अचानक मारपीट व दुर्घटना में घायल मरीज पहुंचे हैं तो पुरुष मरीज से बेड खाली करा लिया जाता है.
कार्डधारी मरीजों का भी इलाज नहीं
राष्ट्रीय बीमा योजना के कार्डधारी पुरुष मरीजों का ऑपरेशन कार्य बंद है. इससे कार्डधारी कार्ड को खिलौना समझ रहे हैं. बताया गया है कि न्यू इंडिया इंशोरेंस कंपनी को सितंबर माह तक का विस्तार दिया गया है. मरीजों का उपचार पुराने कार्ड के आधार पर ही होना.