समस्तीपुरः कंप्यूटर युग और अंगरेजी के बढ़ते चलन के बीच नीतीश सरकार का ध्यान हिंदी को विशेष तरजीह देने की ओर है. अब सरकारी मुलाजिमों को हिंदी में काम करने पर विशेष पुरस्कार दिया जायेगा. ‘सरकारी सेवक प्रोत्साहन पुरस्कार योजना’ के नाम से शुरू की गयी योजना के तहत हिंदी में उत्कृष्ट काम करने पर पांच हजार रुपये से पुरस्कृत किया जायेगा.
सरकारी दफ्तरों में हिंदी के चलन को कम होते देख राज्य सरकार ने एक बार फिर से आदेश निकाला है. जिला योजना कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंत्रीमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग की ओर से योजना प्रारंभ की गयी है. इसके तहत जिला स्तर पर 38 न्यायिक पदाधिकारी, जिला स्तर पर 38 पदाधिकारी व कर्मचारी पुरस्कृत होंग़े सभी विभागों के विभागाध्यक्ष अपने विभाग से कम से कम तीन पदाधिकारियों व कर्मचारियों के नामों की अनुशंसा पुरस्कार के लिए करेंग़े अधिकारियों के अनुसार न्यायिक सेवा संवर्ग के पदाधिकारियों को प्रोत्साहन पुरस्कार देने के लिए प्रत्येक जिला से एक न्यायिक सेवा संवर्ग के पदाधिकारी चयनित होंग़े
चयनित न्यायिक पदाधिकारी के कम से कम एक वर्ष में हिंदी में दिये गये न्याय निर्णय एवं हिंदी में किये गये अन्य न्यायिक कार्यों को मुख्य आधार माना जायेगा. इसके साथ ही जिले से एक न्यायिक सेवा संवर्ग के पदाधिकारी का चयन करते हुए पटना उच्च न्यायालय को भेजना है. इसी तरह जिला स्तर के पदाधिकारी व कर्मचारी को प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए जिला स्तरीय संवर्ग के पदाधिकारी को विगत एक वर्ष में उनके द्वारा हिंदी में लिखी गयी टिप्पणी की भाषा एवं गुणवत्ता को आधार माना जायेगा. मूल्यांकन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा भाषा एवं गुणवत्ता के आधार पर किया जायेगा. जिलाधिकारी द्वारा नाम की अनुशंसा राजभाषा विभाग को दी जायेगी.