समस्तीपुर : सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के विरोध में रेल अभियंताओं ने बुधवार को मार्च निकाला. नारेबाजी करते हुए डीआरएम कार्यालय के समक्ष पहुंच कर धरना पर बैठ गये. अखिल भारतीय रेल अभियंता संघ के बैनर तले मौके पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मध्य रेल इंजीनियर्स एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष गंगा राम महतो ने सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा को त्रुटिपूर्ण बताया.
कहा कि रेलवे की गलत नीतियों के कारण जूनियर इंजीनियर व सीनियर सेक्शन इंजीनियर घोर निराशा में हैं. इससे भविष्य में रेल संरक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ने का खतरा है. संरक्षा की जिम्मेदारी में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जूनियर इंजीनियर को सेवाकाल में एक बार पदोन्नति दी जाती है. इसके कारण ऐसे लोग सेवा छोड़ रहे हैं.
आयोग ने शैक्षणिक योग्यता, कार्यभार, संरक्षा कोटि में तथ्यों को नजरअंदाज किया है. उन्होंने कहा कि क्षुब्ध रेल इंजीनियर्स को लेकर विभाग ड्रीम प्रोजेक्ट्स व बुलेट ट्रेन का सपना पूरा नहीं कर सकती है. संघ के मंडल सचिव रण विजय ने कहा कि जब प्रधानमंत्री देश की प्रगति के लिए डिजीटल इंडिया और मेक इन इंडिया की अपील करते हैं तो ऐसे समय में सातवें वेतन आयोग की इंजीनियर विरोधी अनुशंसा को दुर्भाग्यपूर्णही कहा जा सकता है.