समस्तीपुरः नॉर्थ बिहार डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी उपभोक्ताओं को एक बार फिर झटका देने जा रही है. अपना घाटा कम करने के लिए विद्युत टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. अगर बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने कंपनियों के इस का प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, तो घरेलू उपभोक्ताओं को कम से कम 980 रुपये तथा कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को 1562 रुपये प्रतिमाह बिजली बिल चुकाना होगा.
भले ही उनका घर या दुकान बंद रहे, बिजली का मीटर जेब ढीला करता रहेगा. बताते चले कि विद्युत दर में बेतहाशा वृद्घि के साथ फिक्स चार्ज में कई गुणा वृद्घि का प्रस्ताव है. कंपनियां बीपीएल, ग्रामीण, शहरी, व्यवसाय, उद्योग सभी तरह के उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाने की तैयारी में है. डीजीएम वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि सभी घरेलू उपभोक्ताओं से 6.50 रुपये प्रति यूनिट रेट तथा ग्रामीण उपभोक्ताओं का टैरिफ दोगुना करने का प्रस्ताव है. बिना मीटर वाले उपभोक्ता से 160 रुपये की जगह 350 रुपये प्रति माह, मीटर रहने पर 3..50 रुपये प्रति यूनिट की दर से शुल्क लेने का प्रस्ताव आयोग को भेजा गया है.
एक किलोवाट लोड रहने पर न्यूनतम 100 यूनिट का बिजली बिल देना होगा. अभी 40 यूनिट का पैसा देना पड़ता है. ग्रामीण क्षेत्र के व्यावसायिक उपभोक्ताओं से चार रुपये प्रति यूनिट शुल्क लेने का प्रस्ताव है. जानकारी के अनुसार बिना मीटर वाले ग्रामीण बीपीएल परिवार को 55 रुपये से 200 रुपये प्रति माह, मीटर वाले ग्रामीण बीपीएल उपभोक्ता को 160 रुपये से 270 रुपये, बिना मीटर वाले शहरी बीपीएल उपभोक्ता को 195 से 300 रुपये तथा रेलवे से 10 रुपये प्रति यूनिट शुल्क व स्ट्रीट लाइट के लिए 10 रुपये प्रति यूनिट लेने का प्रस्ताव है.