समस्तीपुर : समाहरणालय के सामने बना दिये गये अवैध रोड ब्रेकर ने आखिरकार एक युवक को असमय ही काल के गाल में भेज ही दिया. इस रोड ब्रेकर पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ एक युवक 21 दिनों तक जिंदगी से जंग लड़ने के बाद अंतत: हार गया. मंगलवार की रात इजाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. […]
समस्तीपुर : समाहरणालय के सामने बना दिये गये अवैध रोड ब्रेकर ने आखिरकार एक युवक को असमय ही काल के गाल में भेज ही दिया. इस रोड ब्रेकर पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ एक युवक 21 दिनों तक जिंदगी से जंग लड़ने के बाद अंतत: हार गया. मंगलवार की रात इजाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
मौत की खबर ने पूरे शहर को झकझोर दिया है. शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने के लिए लोगों की भीड़ मृतक के घर पर उमड़ पड़ी है. सामाजिक कार्यकर्ता ललन यादव के साथ-साथ अनस रिजवान, तरुण कुमार, अभिमन्यू आलोक, तेजस सिंह, नीतीश शेखर, ओंकार सिंह, सतवन सिंह, धीरज कुमार सहित दर्जनों लोग शोकाकु ल परिवार को सांत्वना देने बुधवार की सुबह पहुंचे हुए थे.
बता दें कि 24 नवंबर को समाहरणालय गेट के सामने मुख्य सड़क पर उच्च न्यायालय के आदेश की अनदेखी करते हुए काफी उंची ब्रेकर बना दी गयी थी. ब्रेकर बनने के मात्र दस घंटे के अंदर ही उक्त स्थल पर कई वाहनें खराब हो गयी थी. कई वाहन सवार गिर कर घायल हो गये थे. इसी दौरान 24 नवंबर की रात ही गंडक कालोनी के आशीष अरोड़ा के पुत्र सुबोध अरोड़ा भी उक्त ब्रेकर पर अपने बाइक से गिर कर जख्मी हो गया था.
जिसे स्थानीय लोगों ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए पटना रेफर कर दिया था. लेकिन पटना के एक निजी अस्पताल में 21 दिनों तक इलाजरत रहने के बाद मंगलवार की रात उसकी मौत हो गयी.