समस्तीपुर : रेलवे अब विकलांग यात्रियों की राह और आसान करने जा रही है. शयनयान श्रेणी में अब उनके लिए दो की जगह चार बर्थ आरिक्षत होंगे. उनमें से नीचे के दो बर्थ उन्हें अनिवार्य रूप से मिलेंगे. पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ एके रजक ने बताया कि यह नई व्यवस्था 22 दिसंबर से पूरे […]
समस्तीपुर : रेलवे अब विकलांग यात्रियों की राह और आसान करने जा रही है. शयनयान श्रेणी में अब उनके लिए दो की जगह चार बर्थ आरिक्षत होंगे. उनमें से नीचे के दो बर्थ उन्हें अनिवार्य रूप से मिलेंगे.
पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ एके रजक ने बताया कि यह नई व्यवस्था 22 दिसंबर से पूरे देश में एक साथ लागू हो जायेगी. रेलवे बोर्ड ने दिशा-निर्देश भी जारी कर दिया है. नई व्यवस्था के तहत कोई विकलांग यात्री (सहयोगी अनिवार्य) शयनयान श्रेणी में बर्थ चाहता है, तो उसे नीचे का बर्थ मिलेगा.
सहयोगी को मध्य बर्थ आवंटित किया जायेगा. वहीं, कोई विकलांग (बिना सहयोगी) टिकट लेना चाहता है, तो उसे नीचे का बर्थ तो मिल जायेगा, लेकिन मध्य बर्थ वेटिंग या आरएसी टिकट वाले वरिष्ठ नागरिक को दे दिया जायेगा. यानी, चार में से दो बर्थ अनिवार्य सहयोगी वाले विकलांग को तथा दो बर्थ वैकिल्पक सहयोगी वाले विकलांग यात्री के लिए सुरिक्षत रहेगी.
एक बार अनिवार्य सहयोगी वाली बर्थ फुल हो जाने पर इस तरह का कोई दूसरा विकलांग इस कोटे के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा.
कोटा फुल होने के बाद भी
िमलेगा बर्थ
कोटा : फुल होने के बाद भी सामान्य कोटा से नीचे का बर्थ उन्हें दिया जायेगा. अगर दोनों विकलांग (बिना सहयोगी) टिकट चाहते हैं, तो उनमें से एक को नीचे का बर्थ आवंटित कर दिया जायेगा और मध्य वाला सामान्य आरएसी व वेटिंग वाले को नियमानुसार दे दिया जायेगा.
वर्तमान में सिर्फ नीचे और मध्य का एक-एक बर्थ आवंटित होता है. वही विकलांग यात्रियों को टिकट खिड़की पर लाइन नहीं लगानी पड़ेगी. शारीरिक रुप से विकलांग व्यक्ति (अस्थि विकार, मानिसक एवं श्रव्य विकार युक्त और दृष्टि बाधित) को ई-टिकट पर भी वही छूट मिलेगी, जो बुकिंग काउंटर पर मिलती है.
रास्ते में कार्डधारक और उसके साथ चलने वाले सहयोगी को मूल पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा. इसके लिए रेलवे पहचान पत्र के रूप में छह अंक का यूनिक आइडी नंबर जारी कर रही है. आइडी नंबर के लिए क्षेत्रीय स्टेशन जिस मंडल में आता है, यात्री को उसी मंडल कार्यालय में आवेदन करना होगा.