/रफोटो संख्या : 14 भागवत ज्ञान महायज्ञ में उमड़ी श्रद्घालुओं की भीड़प्रतिनिधि, शाहपुर पटोरीरामकथा का द्वार शिवकथा और श्रीकृष्ण कथा का द्वार श्रीराम कथा. श्रीकृष्ण की लीला प्रेम और माधुर्य से भरी है जबकि राम की प्रत्येक लीला में मर्यादा है. श्रीकृष्ण प्रेमरस के स्वरूप है वहीं श्रीराम त्याग व वैराग्य की प्रतिमूर्ति है. उक्त बातें बुधवार को बहादुरपुर पटोरी में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के छठे दिन वृंदावन के कथावाचक पंडित चंद्रसागर जी महाराज ने कही. बीच-बीच में वृंदावन से आये सांस्कृतिक कलाकारों की टीम ने भजन-कीर्तन कर लोगों को मुग्ध कर दिया. कलाकारों द्वारा ऐसा समां बांधा गया कि सारे श्रद्घालु खड़े हो राधे-राधे करने लगे. इस श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ को ले अरविन्द चौक के आसपास का पूरा माहौल कृष्णमय हो गया है. यज्ञ पंडाल के बाहर भी श्रद्घालुओं की अच्छी-खासी भीड़ देखी जा रही है. दूर-दराज से लोग इस उमस भरी गर्मी में भी यहां पहुंच रहे है. यज्ञ के संयोजकों द्वारा श्रद्घालुओं के लिए उचित व्यवस्था की गयी है. इस यज्ञ के दौरान संयोजक हरिशंकर मिश्रा, गौड़ीशंकर राय, ओमप्रकाश शर्मा, कृष्णचंद्र सिंह, सदानन्द राय, प्रमोद कुमार मिश्रा, हरिराम मिश्रा, सुनील कुमार राय, संजीत कुमार राय, प्रभात कुमार राय, मूर्ति कलाकार अशोक पंडित, विनोद कुमार, बैधनाथ दास, रामउपेक राय आदि लगातार सक्रिय देखे गये.
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श्रीकृष्ण प्रेमरस के स्वरूप : पं़ चंद्रसागर
/रफोटो संख्या : 14 भागवत ज्ञान महायज्ञ में उमड़ी श्रद्घालुओं की भीड़प्रतिनिधि, शाहपुर पटोरीरामकथा का द्वार शिवकथा और श्रीकृष्ण कथा का द्वार श्रीराम कथा. श्रीकृष्ण की लीला प्रेम और माधुर्य से भरी है जबकि राम की प्रत्येक लीला में मर्यादा है. श्रीकृष्ण प्रेमरस के स्वरूप है वहीं श्रीराम त्याग व वैराग्य की प्रतिमूर्ति है. उक्त […]
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