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गंगेटिक प्लेन में कम दबाव के कारण आयी आंधी

समस्तीपुर/पूसा : पश्चिम बंगाल में गंगा के सतही इलाकों में पिछले कई दिनों से कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इसके असर से उत्तर बिहार में बार-बार आंधी-पानी आ रही है. अगले कुछ दिनों तक यह सक्रिय रहेगा.राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा स्थित मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी और इसके […]

समस्तीपुर/पूसा : पश्चिम बंगाल में गंगा के सतही इलाकों में पिछले कई दिनों से कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इसके असर से उत्तर बिहार में बार-बार आंधी-पानी आ रही है. अगले कुछ दिनों तक यह सक्रिय रहेगा.राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा स्थित मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बंगाल की खाड़ी और इसके आसपास वाले इलाकों में लगातार कम दबाव का क्षेत्र बने रहने की वजह से बादल तैयार हो रहे हैं.
तेज हवा के सहयोग से यह उत्तर बिहार में प्रवेश कर रहा है. इसे स्थानीय स्तर पर बढ़े हुए तापमान जहां भी प्रभावित करते हैं उस इलाके में धूल भरी आंधी और इसके बाद हल्की वर्षा हो जा रही है.
गंगेटिक प्लेन में बने कम दबाव के कारण आ रहे बादलों को स्थानीय तापमान द्वारा प्रभावित करने के असर से मंगलवार की सुबह करीब 8.20 बजे आंधी आयी थी. मौसम विभाग के अनुसार आंधी के दौरान हवा की औसत रफ्तार 14 से 18 किलो मीटर प्रति घंटे की रही थी.
इस दौरान ग्रामीण इलाकों में कई कमजोर झोपड़ियां तबाह हो गयी तो कुछ पेड़ पौधों को भी आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है. इसके बाद हल्की बारिश शुरू हुई. लेकिन यह अधिक देर तक प्रभावी नहीं रह सका. आंकड़ों में वर्षापात का रिकार्ड करीब 10 से 12 मिली मीटर के आसपास दर्ज किया गया है.
हालांकि कुछ स्थानों पर वर्षापात अधिक रहा तो कहीं कहीं यह बूंदाबांदी तक सिमट कर रह गयी है. मौसम वैज्ञानिक डॉ आइबी पांडेय के हवाले से जानकारी दी गयी है कि अगले दो से तीन दिनों तक आंधी पानी आने की संभावना बनी हुई है. वैसे इस बीच में धूप छांव का खेल भी जा रहेगा. इस दौरान 4 से 6 किलो मीटर प्रति घंटे की औसत गति से पुरवा हवा चलने की संभावना है.
तेज धूप के बावजूद आसमान में आ रहे बादलों के कारण न्यूनतम तापमान ज्यादा रहा है. मई के दूसरे सप्ताह में न्यूनतम तापमान 22.9 डिग्री सेल्सियस सामान्य होना चाहिए. इसके विपरीत यह 24.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. यह सामान्य से करीब 1 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
इसके ठीक विपरीत मंगलवार को आयी आंधी पानी के बाद अधिकतम तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी है. बारिश के बाद अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री सेल्सियस रहा. जबकि सामान्यत: इसे 35 डिग्री के करीब होना चाहिए.
18 से 20 मई तक केंद्रीय टीम बिहार का करेगी दौरा
पटना. चक्रवाती तूफान और ओलावृष्टि से हुई क्षति की जांच के लिए केंद्रीय टीम का बिहार का दौरा 18 से 20 मई तक होगा. आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार टीम के दो दिनों तक राज्य के छह जिलों को दौरा करेंगे. जिन जिलों के दौरा का कार्यक्रम है उसमें सारण, सीवान, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी और पूर्वी चंपारण है.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय टीम का नेतृत्व भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव के एस श्रीनिवास करेंगे. उनके साथ एक दर्जन विशेषज्ञ शामिल होंगे. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि चक्रवाती तूफान और ओला वृष्टि से हुए फसल क्षति की भरपाई के लिए बिहार सरकार ने केंद्र को दो हजार करोड़ 40 लाख रुपये की केंद्रीय सहायता के लिए केंद्र सरकार को मेमोरेंडम सौंपा गया था.
राज्य सरकार पुन: 43 करोड़ 76 लाख रुपये का मेमोरेंडम सौंपा गया. अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय टीम के सर्वेक्षण और राज्य सरकार के अधिकारियों से विमर्श के बाद ही केंद्रीय मदद देने का प्रावधान है.

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