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30 से होगी इंटर की कॉपियों की जांच
समस्तीपुर : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति आगामी 30 मार्च से इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य शुरू करेगी़ कॉपी जांच के लिए इस वर्ष जिले में तीन मूल्यांकन केंद्र बनाये गये हैं. मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षकों की तैनात की गयी है़ कॉपियों की जांच दस दिनों में पूरी की जायेगी़ मूल्यांकन के लिए सभी परीक्षकों […]
समस्तीपुर : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति आगामी 30 मार्च से इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य शुरू करेगी़ कॉपी जांच के लिए इस वर्ष जिले में तीन मूल्यांकन केंद्र बनाये गये हैं. मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षकों की तैनात की गयी है़ कॉपियों की जांच दस दिनों में पूरी की जायेगी़
मूल्यांकन के लिए सभी परीक्षकों का फोटोयुक्त पहचान पत्र बोर्ड द्वारा जारी किये जायेंग़े इस बार समिति ने मुख्य परीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी तरह की लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी़ कॉपियों की जांच के क्रम में परीक्षक की गलती पकड़ी जायेगी तो उन पर भी कठोर कार्रवाई की जा सकती है़ मालूम हो कि पिछले साल कॉपी जांच में कई गड़बडियां मिली थी़ इस वर्ष कॉपियों की जांच के लिये तीन रुपये की वृद्घि की गयी है़
100 अंकों की कॉपियों की जांच पर परीक्षकों को अब 14 रुपये प्रदान किये जायेंगे, जबकि 50 अंक की कॉपियों की जांच पर 11 रुपये प्रदान किये जायेंग़े समिति द्वारा एक परीक्षक को तीस से चालीस कॉपी देने का निर्देश दिया गया है़ कॉपी की सही तरीके जांच कराना प्रधान परीक्षक की जिम्मेदारी होगी. वहीं 10 अप्रैल से मैट्रिक की कॉपियों की जांच के लिए तैयारी चल रही है़ मैट्रिक की कॉपियों की जांच पूरे अप्रैल माह भर चलेगी़
कॉपियों की दोबारा जांच नहीं
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इंटर की कॉपियों के मूल्यांकन के क्रम में परीक्षार्थियों को सौ में सौ अंक दे सकती है. वहीं पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों के कॉपियों की दोबारा जांच नहीं की जायेगी़ प्रधान परीक्षक ही कॉपियों की जांच के दौरान यह सुनिश्चित करेंगे कि परीक्षार्थियों का सही तरीके से मूल्यांकन हुआ है कि नहीं.
परीक्षक एवं प्रधान परीक्षक द्वारा कॉपियों की जांच करने के बाद बोर्ड द्वारा किसी का हस्तक्षेप नहीं किया जायेगा़ पिछले वर्ष समिति ने राज्य के सभी प्रधान परीक्षकों को निर्देश दिया था कि 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों की कॉपी अलग रखी जाये और बोर्ड के विशेषज्ञ उसकी दोबारा जांच करायी जायेगी़ बोर्ड के इस निर्णय ने प्रधान परीक्षकों में भय का वातावरण पैदा कर दिया था़ अधिकांश परीक्षक व प्रधान परीक्षक 80 प्रतिशत से अधिक अंक देने से परहेज करते रह़े
परिणामस्वरूप अत्यंत प्रतिभाशाली परीक्षार्थियों को भी 75 से 80 प्रतिशत तक ही अंक मिल पाया था़ इस बार परीक्षक इंटर की कॉपियों की जांच के दौरान परीक्षार्थियों के प्रति सकारात्मक रूख रखेंगे.
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