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दर का निर्धारण किये बगैर राशि निकासी

समस्तीपुर : महादलित, अल्पसंख्यक एवं अतिपिछिड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत कला जत्था की टीम इन दिनों जिले के विभिन्न प्रखंडों में भ्रमण कर साक्षरता का दीप जलाने में जुटी है. वहीं डीपीओ साक्षरता कार्यालय के पदाधिकारी इस मद में प्राप्त आवंटित राशि के निकासी में नियमों को दरकिनार कर कार्यो को अंजाम देने […]

समस्तीपुर : महादलित, अल्पसंख्यक एवं अतिपिछिड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत कला जत्था की टीम इन दिनों जिले के विभिन्न प्रखंडों में भ्रमण कर साक्षरता का दीप जलाने में जुटी है. वहीं डीपीओ साक्षरता कार्यालय के पदाधिकारी इस मद में प्राप्त आवंटित राशि के निकासी में नियमों को दरकिनार कर कार्यो को अंजाम देने में जुटे हैं. वहीं खर्च किये गये राशि का यूसी भी अब तक नहीं जमा किया गया है.
साथ ही दर का निर्धारण किये बगैर राशि की निकासी भी की जा रही है. इस संभाग से जुड़े वरीय पदाधिकारी भी सबकुछ जानते हुए अनजान बने हैं.
जानकारी के अनुसार पूर्व के दिनों में कला जत्था भ्रमण के लिए जब राशि निकासी की कार्ययोजना बनी तो पदाधिकारी व कर्मी एक खास रणनीति के तहत एकल हस्ताक्षर से 50 हजार रुपये की निकासी की. बाद में जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास संचिका भेजी गयी तो उन्होंने स्पष्टीकरण पूछते हुए राशि निकासी की स्वीकृति प्रदान की. लेकिन, संभाग के पदाधिकारी के द्वारा अब तक किसी प्रकार का स्पष्टीकरण नहीं पूछा गया है. फिर डीइओ की स्वीकृति से अग्रिम राशि के रूप में करीब 80 हजार रुपये की निकासी की गयी. बुधवार को एक बार फिर करीब 50 हजार रुपये की निकासी की गयी.
बताते चलें कि प्रभारी मुख्य कार्यक्र म समन्वयक के हस्ताक्षर के बिना ही राशि की निकासी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया. कला जत्था टीम के भ्रमण के लिए तीन वाहन व तीन साउंड सिस्टम का प्रयोग किया जा रहा है. लेकिन, विभाग के पदाधिकारियों ने दर का निर्धारण करना भी मुनासिब नहीं समझा. बताते चलें कि कला जत्था भ्रमण मद में 26 लाख रुपये आवंटित हैं. कार्यक्रम का संचालन विगत 28 दिसंबर से किया जा रहा है. प्रशिक्षण के लिए 2 लाख 88 हजार के विरुद्ध अब तक अग्रिम के रूप में दो बार क्रमश: लगभग 86 व 35 हजार रुपये की निकासी की गयी है.
इस संबंध में संभाग के पदाधिकारियों की माने तो प्रभारी मुख्य कार्यक्रम समन्वयक संचिका को शुरू से ही अपने पास रखे हुए थे. इनके द्वारा संचिका नहीं देकर कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया गया है. हालांकि प्रभारी मुख्य कार्यक्रम समन्वयक इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहते हैं कि अगर मेरे द्वारा व्यवधान उत्पन्न किया गया तो इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारियों को क्यों नहीं दी गयी. साथ ही उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि संभाग के एक पदाधिकारी बैक डेट में पत्रंक को इश्यू कर साजिश के तहत कार्रवाई करने में जुटे हैं.

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