समस्तीपुरः शहर के पेठियागाछी स्थित राजकीयकृत मध्य विद्यालय में रेलवे के स्लीपर बोगी की तर्ज पर टेबल पर टेबल चढ़ा कर बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. इसकी वजह विद्यालय में भवन का अभाव है. बताते चलें कि स्कूल में 1 मात्र कमरा है. जिसमें करीब ढाई सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं. कक्षा में पढ़ने की तरकीब बच्चों ने खुद ही निकाली है.
छात्र–छात्राओं ने एक बेंच के ऊपर दूसरे को डाल रखा है. इसके ऊपर–नीचे बच्चे पढ़ते हैं. वहीं कुछ बच्चों को वह भी नसीब नहीं हुआ तो वे बेंच के सबसे नीचे फर्श पर ही बैठ जाते हैं. एक मात्र एचएम कमरे के मुख्य द्वार पर कुर्सी लगा कर बैठी उन्हें तालीम देती हैं. यह सब मामला बुधवार को शिक्षा विभाग के अला–अफसरों के सामने एकदम लाइव हुआ, तो वे भी हैरत में आ गये.
एसडीओ व डीइओ पहुंचे स्कूल
व्यवस्था की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी नवीन चंद्र झा ने तत्काल सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार और जिला शिक्षा पदाधिकारी जयचंद प्रसाद श्रीवास्तव से रिपोर्ट तलब की. जिसके बाद आनन–फानन में दोनों अधिकारी पेठियागाछी विद्यालय पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. इस क्रम में एसडीओ ने विद्यालय के निरीक्षण पंजी का अवलोकन भी किया. जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा पूर्व में किये गये स्कूल के निरीक्षण की जानकारी दर्ज थी. उन्होंने व्यवस्था को लेकर एचएम सुशीला कुमारी से भी जानकारी तलब की. जिस पर उन्होंने परेशानियों को लेकर विभागीय अधिकारियों को पूर्व में अवगत कराये जाने की जानकारी दी.
छात्राओं ने गिनायी परेशानियां
इस क्रम में विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं ने एक–एक कर पदाधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं. छात्रा नेहा कुमारी का कहना था कि यहां कैदखाने जैसी स्थिति है. ऐसा लगता है जैसे स्कूल नहीं जेल में आते हैं. बेंच के नीचे सर झुका कर बैठने से गर्दन अकड़ जाता है. लेकिन कभी कोई इस तरफ देखने ही नहीं आये. जिसके कारण हम किसे बतायें.
दूसरे विद्यालयों में शिफ्ट हुए बच्चे
अधिकारियों ने बच्चों की पीड़ा को भांपते हुए तत्काल विद्यालय के सभी छात्रों प्राथमिक विद्यालय अंबेदकर नगर और मध्य विद्यालय बहादुरपुर में शिफ्ट करने का आदेश दिया. इसे तत्काल अमल में लाया गया. अधिकारियों ने बताया कि बच्चों के नामांकन अपने मूल विद्यालय में ही रहेंगे. लेकिन उनके शिक्षा की व्यवस्था भवन निर्माण होने तक उक्त दोनों विद्यालयों में की गयी है.