समस्तीपुरः भारतीय जीवन बीमा निगम की समस्तीपुर शाखा में फर्जीवाड़ा कर राशि निकासी व गबन का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व भी समस्तीपुर एलआइसी शाखा कई फर्जीवाड़ा का गवाह बन चुका है.
हालांकि आज तक किसी भी मामले में फर्जीवाड़ा का पूरा पर्दा नहीं उठ पाया है. नतीजतन पूर्व के फर्जीवाड़ा के मामले में आज भी जांच चल रही है. एसबीआइ मेन ब्रांच से एलआइसी के निर्गत चेक के आधार पर फिलहाल आठ लाख 32 हजार सात सौ रुपये की निकासी कर ली गयी.
सोचने वाली बात यह है कि एलआइसी का चेक व खाता तो समस्तीपुर का है, लेकिन जिस खाता से उक्त राशि की निकासी हुई वह खाता राज्य के बाहर के हैं. दोनों चेक 30 अप्रैल को ही निर्गत किया गया. लेकिन विडंबना यह है कि जिस चेक संख्या से 642 रुपये का चेक निर्गत किया गया, उस संख्या से पांच लाख 47 हजार रुपये की निकासी हुई.
वहीं जिस चेक संख्या से 412 रुपये का चेक निर्गत किया गया, उस संख्या से दो लाख 85 हजार सात सौ रुपये की निकासी गयी थी. पहला चेक एलपी कंठ के नाम से तो दूसरा चेक एनके सिंह के नाम से निर्गत हुआ. लेकिन जिनके नाम से चेक निर्गत हुआ उनके खाता के बदले किसी अन्य के खाते से लाखों रुपये की निकासी फजीवाड़ा तरीके से कर ली गयी.
विदित हो कि इससे पूर्व मार्च माह में एलआइसी की समस्तीपुर शाखा से फर्जी बांड पेपर के आधार पर 14 व्यक्तियों के नाम पर लगभग 15 लाख रुपये की निकासी कर ली गयी. इस मामले में फर्जीवाड़ा का मास्टर माइंड को कर्मियों ने रंगेहाथ पकड़ कर नगर पुलिस के हवाले कर दिया था.
इस मामले की जांच आज भी चल रही है. जांच के दौरान दो महिला के खाता के माध्यम से उक्त राशि की निकासी की गयी थी. इसमें एलआइसी के कई कर्मी संदेह के घेरे में है. पुलिस उन कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने में जुटी है. एलआइसी से निर्गत चेक के आधार पर इस फर्जीवाड़ा मामले में मात्र पांच चेक के आधार पर 25 लाख 29 हजार 810 रुपये की निकासी कर ली गयी. इसमें समस्तीपुर एसबीआइ मेन ब्रांच से दो चेक के आधार पर आठ लाख 32 हजार सात सौ रुपये की निकासी हुई है.