समस्तीपुर : बिहार में महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं चल रही हैं. लेकिन, असुरक्षा का भय इसे पाने की स्वतंत्रता में बाधक बनी है. इससे उन्हें शक्तिशाली बनाने की कल्पना दूर नजर आ रही है. नतीजतन भय के वातावरण में पूर्ण स्वतंत्रता का अभाव इसका प्रवाह महिलाओं तक पहुंचने से पहले ही मद्धम पड़ने लगती है.
आवश्यक है कि उन्हें घर से लेकर समाज तक में और अधिक-से-अधिक स्वतंत्रता दी जाये. इससे कि वे भरपूर शिक्षा ग्रहण कर सकें. आर्थिक निर्भता की ओर बढ़ें. उन्हें यह आजादी देने की जिम्मेदारी परिवार और समाज को उठानी ही होगी. प्रभात खबर की ओर से आयोजित परिचर्चा में महिलाओं व छात्राओं ने कहा कि बिहार में अब भी यह हालात हैं कि बहुत सारी महिलाएं खुद को स्वतंत्र नहीं महसूस करतीं. घर से बाहर निकलने, स्कूल-काॅलेजों तक पहुंचने तक की स्वतंत्रता आज भी बहुत सी महिलाओं को प्राप्त नहीं है. यह निश्चित रूप से पुरुष की तुलना में शिक्षा प्राप्त करने की ऊंची सद्इच्छा को कहीं न कहीं बाधित कर रहा है. लड़कों को लड़कियों की तुलना में अधिक स्वतंत्रता है.