समस्तीपुर : जिले में पैथोलोजिकल लैब मरीजों के शोषण का अड्डा बन कर रह गयी है. जितने जांच केंद्र हैं. सभी अपने-अपने ढंग से मरीजों से राशि वसूलते हैं. न तो इनकी दर तय है और न ही गुणवत्ता. जगह जगह सिर्फ बोर्ड लगाकर जांच केंद्र खोल दिये जा रहे हैं. इसमें जांच की गुणवत्ता का ख्याल भी नहीं रखा जाता है. वहीं जांच के नाम पर मरीजों की जेब ढीली हो रही है. अमूमन मरीजों को डॉक्टर की फीस से 10 गुणी राशि सिर्फ जांच पर खर्च करनी पड़ रही है.
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पैथोलॉजिकल जांच में मरीजों से हो रही मनमाना वसूली
समस्तीपुर : जिले में पैथोलोजिकल लैब मरीजों के शोषण का अड्डा बन कर रह गयी है. जितने जांच केंद्र हैं. सभी अपने-अपने ढंग से मरीजों से राशि वसूलते हैं. न तो इनकी दर तय है और न ही गुणवत्ता. जगह जगह सिर्फ बोर्ड लगाकर जांच केंद्र खोल दिये जा रहे हैं. इसमें जांच की गुणवत्ता […]
इसके अलावा इस धंधे से चिकित्सक भी मालामाल हो रहे हैं. हर चिकित्सक जांच केंद्र तय किये होते हैं जिसका पूर्जा मरीज को थमा दी जाती है. दूसरे जांच केंद्र से जांच कराने पर इसकी रिपोर्ट को चिकित्सक कसौटी पर खरा नहीं मानकर नकार देते हैं. ऐसे में मरीज भी बेबस और लाचार होकर प्रेस्क्राइब जांच केंद्र में ही जांच कराने को विवश होते हैं.
लैब की स्थिति पर रिपोर्ट तलब
स्वास्थ्य महकमा ने सभी चिकित्सा प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में पैथोलॉजिकल लैब की जांच कर इसकी स्थिति पर रिपोर्ट तलब की थी. मगर अधिकांश जगहों से प्रखंडों में जांच केंद्र के नाम पर दो तीन केंद्रों का नाम दर्ज कर सूची भेज दी गयी. जिसके बाद सिविल सर्जन ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र भेजते हुये अपने अपने क्षेत्र में शत प्रतिशत पैथॉलोजिकल जांच केंद्र की संख्या व इसकी जांच रिपोर्ट के साथ यह भी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया कि क्षेत्र में एक भी जांच केंद्र तो छूटी नहीं.
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