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तीसरी बार गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

पूसा : होनहार वीरवान के होत चिकने पात वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए पूसा की पांच वर्षीय श्रीजिता दास ने लगातार तीसरी बार 17 सितंबर 17 को महज एक मिनट में 55 पशु-पक्षियों का वंश एवं जाति व प्रजाति का वैज्ञानिकी नाम बताकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया […]

पूसा : होनहार वीरवान के होत चिकने पात वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए पूसा की पांच वर्षीय श्रीजिता दास ने लगातार तीसरी बार 17 सितंबर 17 को महज एक मिनट में 55 पशु-पक्षियों का वंश एवं जाति व प्रजाति का वैज्ञानिकी नाम बताकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया है. श्रीजिता के पिता डॉ तापस रंजन दास भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र में अध्यक्ष के पद पर कार्यरत है. वहीं माता असीमा दास कुशल गृहिणी हैं.

अपनी बेटी पर गर्व करते हुए मां कहती है कि भारत सरकार के माध्यम से चलाये जा रहे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत मेरा यह एक अथक प्रयास है. समाज के लोगों को संदेश देते हुए कहा कि बेटी भी अब किसी से कम नहीं है. वे मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं. एक नहीं दो नहीं तीन-तीन बार श्रीजिता वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है. इससे पूर्व दो बार पेड़-पौधों समेत वनस्पति का नाम बताकर 22 मार्च 2017 को नौ मिनट 20 सेकेंड में अपना दर्ज 322 वनस्पति नाम का रिकॉर्ड को तोड़ते हुए दूसरी बार 17 जून 2017 को 13 मिनट 56 सेकेंड में 441 वनस्पति के वंश जाति व प्रजाति का नाम बता वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर कराया था.

पुन: इसके बाद श्रीजिता की जोरदार तैयारी मानव तंत्र से संबंधित सभी अंगों व पार्टस के वैज्ञानिकी नामों पर चल रही है. इस तरह श्रीजिता के पिता डाॅ दास कहते हैं कि श्रीजिता अभी कक्षा एक की छात्रा है. इसको जो भी नाम एक बार बता देते हैं इसके दिमाग में कंप्यूटर डाटा के तरह फीड हो जाता है. श्रीजिता पढ़ लिखकर आगे वैज्ञानिक बनने की सपना

संजोये हुए है.

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