मोहिउद्दीननगर : शिक्षा हासिल करने की राह में आने वाली रुकावटों या यूं कहें कि जिम्मेदारियों को साथ निभाने में बेटियां भी अब पीछे नहीं हैं. चापर गांव में शुक्रवार को कुछ यही देखने को मिला. पटोरी सिविल कोर्ट में पदस्थापित होमगार्ड जवान दिनेश कुमार सिंह की मौत के बाद उसका शव शुक्रवार को घर लाया गया. इसी दिन उसकी बेटी सुमन की बीए पार्ट वन की परीक्षा होनी थी. परीक्षा केंद्र पर जाने के लिए वह तैयार थी. प्रवेश पत्र हाथ में लेकर उसकी सहपाठी प्रतीक्षा कर रही थी,
तो सुमन अपने पिता के शव से लिपट कर रो कर बार-बार बेहोश हो रही थी. तब गांव वाले परीक्षा की अहमियत समझाते हुए उसे किसी तरह वहां से हटाया. आखिरकार पिता की अर्थी को छोड़ कर उसने साहस का परिचय देते हुए केएसआर कॉलेज सरायरंजन परीक्षा केंद्र पहुंची, जहां परीक्षा में शामिल होकर अपने पिता के अरमानों को पूरा करने में जुट गयी. गांव के लोग बेटी के इस साहस को सलाम कर रहे हैं. कर्तव्य के साथ शिक्षा के प्रति बेटियों में जग रही भूख की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं.