समस्तीपुर : अधिवक्ता रजनी रंजन बताते हैं कि पहले छेड़छाड़ के मामले में अधिकतम दो साल कैद की सजा का प्रावधान था, लेकिन निर्भया केस के बाद कानून में बदलाव हुआ है और अब छेड़छाड़ को विस्तार से व्याख्या करते हुए उसमें सजा के सख्त प्रावधान किये गये हैं. अब धारा 354 के तहत छेड़छाड़ के मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम पांच साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है. साथ ही कम से कम एक साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है और इसे गैर-जमानती अपराध माना गया है.
आइपीसी की धारा-354 में कई सब सेक्शन बनाये गये हैं. इसके तहत छेड़छाड़ के लिए अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान किया गया है. आइपीसी की धारा-354 ए, 354 बी, 354 सी और 354 डी बनाया गया है. धारा 354 एक के चार पार्ट हैं. इसके तहत कानूनी व्याख्या की गई है कि अगर कोई शख्स किसी महिला के साथ सेक्सुअल नेचर का फिजिकल टच करता है या फिर ऐसा कंडक्ट दिखाता है जो सेक्सुअल कलर लिया हुआ हो तो 354 ए पार्ट 1 लगेगा. वहीं सेक्सुअल डिमांड करने पर पार्ट 2, मर्जी के खिलाफ पोर्न दिखाने पर पार्ट तीन और सेक्सुअल कलर वाले कंमेंट पर पार्ट चार लगता है. 354 ए के पार्ट 4 में एक साल तक कैद जबकि बाकी तीनों पार्ट में तीन साल तक कैद की सजा का प्रावधान है.