सुरक्षा की चिंता जर्जर स्कूल में पढ़ने की है मजबूरी, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
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जिंदगी दांव पर लगा कर रहे पढ़ाई
सुरक्षा की चिंता जर्जर स्कूल में पढ़ने की है मजबूरी, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा समस्तीपुर : जिले के सरकारी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो चुका है लेकिन इनमें से कई स्कूल ऐसे हैं जिनके जर्जर भवनों में नौनिहाल अपना भविष्य संवारने को मजबूर हैं. जिले में संचालित कई प्राथमिक, मध्य […]
समस्तीपुर : जिले के सरकारी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो चुका है लेकिन इनमें से कई स्कूल ऐसे हैं जिनके जर्जर भवनों में नौनिहाल अपना भविष्य संवारने को मजबूर हैं. जिले में संचालित कई प्राथमिक, मध्य व माध्यमिक उच्च विद्यालय का भवन जर्जर हालत में पहुंच चुका है . स्कूल की छत टूट टूट कर गिरने लगी है. कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका जिस कारण बच्चे डर के साए में बैठकर पढ़ने को मजबूर है.
शहर के मॉडल उच्च विद्यालय हो या फिर तिरहुत अकादमी विद्यालय. इन विद्यालयों की कुछेक वर्ग कक्ष व बरामदे पूरी तरह से जर्जर हो चुके है. इन विद्यालयों का भवन वर्षो पुराना व जर्जर है. विद्यालयों के कुछेक कक्ष भवन का छत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. दीवारों में दरार भी पड चुके हैं. छत से गिरते सीमेंट बालू गिट्टी भी छात्रों को भयभीत कर देता है. छात्रों की मानें तो ऐसी व्यवस्था में पढ़ाई पूरी करने की आस में हमेशा डर के साए में रहना पड़ता है. कुछ यही हाल वार्ड संख्या 15 स्थित प्राथमिक विद्यालय मगरदही का भी है. इस विद्यालय के भी कुछेक भवन काफी जर्जर हो चुके है. यह तो केवल चंद उदाहरण हैं. हकीकत में दर्जनों की संख्या में जर्जर हो चुकी इमारतों में बच्चों की कक्षाएं संचालित की जा रही है. इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी सत्येन्द्र झा ने बताया कि जर्जर वर्ग कक्ष को चिह्नित कर मरम्मत की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.
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