मॉनसून. सावन की झमाझम बारिश ने आषाढ़ की कमी भी कर दी पूरी
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34.19 एमएम अधिक हुई बारिश
मॉनसून. सावन की झमाझम बारिश ने आषाढ़ की कमी भी कर दी पूरी समस्तीपुर : उत्तर बिहार में करीब हफ्तेभर देर से पहुंचने वाले मॉनसून ने जुलाई में अपना रंग दिखा दिया है. चालू महीने में अब तक 34.19 मिमी अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि अभी महीने के पांच दिन और बाकी है. सावन […]
समस्तीपुर : उत्तर बिहार में करीब हफ्तेभर देर से पहुंचने वाले मॉनसून ने जुलाई में अपना रंग दिखा दिया है. चालू महीने में अब तक 34.19 मिमी अधिक बारिश हो चुकी है, जबकि अभी महीने के पांच दिन और बाकी है. सावन महीने में हुई झमाझम बारिश ने बीते आषाढ़ महीने में आधी-अधूरी बारिश की कमी को पाटने का भरसक काम किया है. किसानों को भी धान लगाने के लिए प्रेरित किया. नतीजा है कि जिले में करीब 67 हजार हेक्टेयर भूमि में धान लगाने के निदेशालय से मिले लक्ष्य अब करीब नजर आने लगे हैं. यह बात अलग है कि बारिश का वितरण जिले के विभिन्न हिस्सों में समान रूप से नहीं हो पाया है.
कुछ हिस्सों में बहुत अधिक तो कहीं-कहीं कम बारिश हुई है.
मौसम विभाग का मानना है कि जुलाई की बारिश ने जमीन में पूरी नमी ला दी है. अरब सागर व बंगाल की खाड़ी से लगातार बादल आ रहे हैं. इसलिए गरज चमक के साथ बारिश की संभावना अभी और बनी हुई है. कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें, तो पता चलता है कि बीते जून महीने में 75.60 एमएम बारिश हुई. यह जून महीने में होने वाली सामान्य वर्षापात 153.8 मिली मीटर से करीब 78.2 एमएम कम है. इसके उलट चालू जुलाई महीने के 26 तारीख तक के आंकड़े बयां करते हैं कि 322.57 एमएम बारिश हो चुकी है. यह पूरे जुलाई महीने में होने वाली 286.7 एमएम बारिश से 34.19 एमएम अधिक है. बारिश के कारण धान रोपनी में तेजी आयी है. आने वाले समय में बारिश अच्छी होगी, तो कार्य और तेज होंगे.
जुलाई में कहां कितनी हुई बारिश
प्रखंड का नाम वर्षापात प्रखंड का नाम वर्षापात
समस्तीपुर 324.6 पूसा 432.8
कल्याणपुर 394.6 ताजपुर 209.2
खानपुर 417.8 सरायरंजन 220.8
मोरवा 298.4 पटोरी 259.8
मोहनपुर 278.6 मोहिउद्दीननगर 195.5
उजियारपुर 265.6 वारिसनगर 301.5
दलसिंहसराय 353.0 विद्यापतिनगर 276.8
रोसड़ा 277.2 विभूतिपुर 365.0
शिवाजीनगर 285.2 हसनपुर 527.8
सिंघिया 337.2 बिथान 321.8
कुल वर्षापात 6453.4 औसत वर्षापात 322.57
नोट : वर्षापात का आंकड़ा एमएम में.
धान की अच्छी पैदावार की जगी उम्मीद
नीरपुर के प्रगतिशील किसान मणिकांत चौधरी कहते हैं कि शुरू-शुरू में मॉनसून के रवैये किसानों को सकते में डाले रखा. लेकिन जैसे ही सावन ने दस्तक दिया बारिश ने जोर पकड़ा. धान लगाने के लिए पर्याप्त पानी हो चुका है. अधिकतर किसान अपने बिचड़े खेतों में लगा चुके हैं. अब जरूरत है उसकी निकौनी के लिए थोड़ा आसमान साफ होने की. वैसे छिटपुट बारिश के बीच धान की निकौनी का काम चल रहा है. आगे मॉनसून ने साथ दिया, तो इस बार धान के बंपर पैदावार की उम्मीद जग रही है.
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