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पेंशन के लिए किया रिश्तों का कत्ल
विभूतिपुर : विक्रम को इसका अंदाजा भी नहीं होगा की पेंशन की महज 25 हजार रुपये के लिए उसके जिगर का टुकड़ा ही उसकी जान का दुश्मन बन जायेगा. ग्रामीणों की मानें, तो विक्रम की पहली पत्नी मिथलेश देवी की मौत करीब बीस वर्ष पूर्व पिटाई से हुई थी. विक्रम के ससुरालवालों ने जब इसको […]
विभूतिपुर : विक्रम को इसका अंदाजा भी नहीं होगा की पेंशन की महज 25 हजार रुपये के लिए उसके जिगर का टुकड़ा ही उसकी जान का दुश्मन बन जायेगा. ग्रामीणों की मानें, तो विक्रम की पहली पत्नी मिथलेश देवी की मौत करीब बीस वर्ष पूर्व पिटाई से हुई थी.
विक्रम के ससुरालवालों ने जब इसको लेकर आवाज उठाई, तो गांव के कुछ लोगों ने नौकरी जाने की दुहाई देकर पंचायत के माध्यम से मामले को रफा दफा किया था. इसमें हुए फैसले के आधार पर विक्रम की तीन बीघे में से एक बीघा जमीन पंकज को मिला था. बता दें कि विक्रम की पहली पत्नी से पूनम, पंकज और मुन्ना है, जबकि दूसरी पत्नी नीलम से मौसमी, श्रुति और प्रिंस. ग्रामीण बताते हैं कि मुन्ना काफी समय से बाहर रहता है.
पूनम की शादी हो चुकी है. इधर, कई महीने से पंकज विक्रम को मिलने वाले पेंशन में से आधे पर अपनी दावेदारी कर रहा था. उसे देने से विक्रम ने साफ मना कर दिया था. ग्रामीणों का बताना है कि कुछ दिन पूर्व पंकज कुछ पेड़ काट दिया था. इसको लेकर भी परिवार में विवाद हुआ था.
बेटी की अब कौन करेगा चिंता
विक्रम व उसकी पत्नी की हत्या हो जाने के बाद अब बच्चों के सिर से अभिभावक का साया उठ चुका है. कल तक अपने माता-पिता का प्यार पानेवाले बच्चे अब अनाथ हो गये. अब उनका भरण पोषण करने वाला कौन होगा और आगे की पढ़ाई कैसे होगी इसकी चिंता सताने लगी है.
बड़ी बेटी मौसमी इसी वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दी थी. कौन अब अपना है और कौन पराया इसकी पहचान करने के लिए भी उनकी नम आंखें हर किसी को देख-देख कर थक चुकी है. परिवार में जो विश्वास की डोर बंधी थी, वह टूट चुकी है.
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