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सदर एसडीओ ने समझा-बुझा कर अनशन कराया समाप्त

सहरसा : जिले के सत्तरकटैया प्रखंड अंतर्गत सिहौल गांव के वार्ड आठ, नौ व 14 के दर्जनों महादलित परिवार बास की जमीन के लिए समाहरणालय मुख्य द्वार पर आमरण अनशन के लिए बैठे. घंटों बाद पहुंचे सदर एसडीओ जहांगीर आलम ने इन महादलित परिवारों को समझा-बुझाकर अनशन समाप्त करा दिया. साथ ही समाहरणालय का मुख्य […]

सहरसा : जिले के सत्तरकटैया प्रखंड अंतर्गत सिहौल गांव के वार्ड आठ, नौ व 14 के दर्जनों महादलित परिवार बास की जमीन के लिए समाहरणालय मुख्य द्वार पर आमरण अनशन के लिए बैठे. घंटों बाद पहुंचे सदर एसडीओ जहांगीर आलम ने इन महादलित परिवारों को समझा-बुझाकर अनशन समाप्त करा दिया. साथ ही समाहरणालय का मुख्य द्वार खाली कराया. ग्रामीणों ने बताया कि वे लोग वर्षों से गांव के नहर किनारे बसे हैं. सरकारी स्तर से उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया जा रहा है.

उन लोगों ने बासगीत जमीन के लिए कई बार बीडीओ व अन्य पदाधिकारियों से मिलकर जमीन की मांग की है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी है. जिलाधिकारी के जनता दरबार में भी बास के लिए जमीन की गुहार लगाई तो कनीय अधिकारी को निर्देश दिया गया. लेकिन वे भी इस निर्देश का पालन नहीं किये. उन्होंने कहा कि सभी जगह दौड़ने के बाद थक हारकर अंतिम रास्ता बचा था कि या तो प्रशासन बास की जमीन दे या तो वे परिवार सहित समाहरणालय गेट पर भूखे दम तोड़ देंगे. जानकारी देते सदर एसडीओ आलम ने बताया कि इन महादलित परिवार को बास की जमीन देने पर कार्य चल रहा है.

बास के लिए सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है. निजी जमीन की खरीद की बातचीत चल रही है. जल्द ही इन भूमिहीन महादलित परिवारों को बास की जमीन उपलब्ध करा दी जायेगी. अनशनकारियों में सोमन सादा, रोहित सादा, रंजीत सादा, बासुदेव सादा, जगन राम, बेचन राम, रामलाल सादा सहित दर्जनों महिलाएं व बच्चे शामिल थे.

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