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शहर से निकलेगा पानी, मुहल्लों से निकालने की कोई योजना नहीं
बेमौसम बरिश में भी कई मुहल्लों में आ जाती है बाढ़ नाला निर्माण की नहीं बन रही है कोई योजना सहरसा : डीएम बिनोद सिंह गुंजियाल के प्रयास से शहर में जलनिकासी के लिए साढ़े 24 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृति हो गयी है. इससे शहरी क्षेत्र को दो भागों में बांट छोटे नालों को […]
बेमौसम बरिश में भी कई मुहल्लों में आ जाती है बाढ़
नाला निर्माण की नहीं बन रही है कोई योजना
सहरसा : डीएम बिनोद सिंह गुंजियाल के प्रयास से शहर में जलनिकासी के लिए साढ़े 24 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृति हो गयी है. इससे शहरी क्षेत्र को दो भागों में बांट छोटे नालों को बड़े नाले से जोड़ पानी को बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा. लेकिन उन मुहल्लों को इस योजना का कोई फायदा नहीं मिल सकेगा, जहां नाला है ही नहीं और वहां हल्की बारिश में भी जलजमाव की स्थिति बन जाती है.
नीचे हैं कई मुहल्ले : नगर परिषद के कुछ वार्डों के कुछ हिस्सों में पहले से बने नाले को तोड़कर नये सिरे से नाला निर्माण का काम शुरू हुआ है. लेकिन इन छोटे नाले के निर्माण से पूरे शहर के पानी को बहाव का रास्ता नहीं मिलेगा. शहर के न्यू कॉलोनी, नया बाजार, कायस्थ टोला, चाणक्यपुरी, रहमान रोड, प्रतापनगर, भारतीय नगर सहित कई मुहल्लें हैं जहां घरों के पानी के निकासी की कोई व्यवस्था है ही नहीं. ऐसे अधिकतर इलाकों में लोगों ने अपनी जमीन में टैंक बना रखा है. उसके भर जाने पर मलटंकी की मदद से सफाई करायी जाती रही है. बरसात के महीने में ये टंकी बारिश के पानी से भर जाते हैं और उसके बाद इसका उलटा बहाव घर व सड़क की ओर शुरू हो जाता है. इन मुहल्लों सहित कई ऐसे इलाके हैं जो आसपास के क्षेत्र से नीचे हैं और जहां चारों ओर का पानी आकर गिरता है. जिससे पूरा मुहल्ला जलमग्न हो जाता है. हर साल ऐसे कई मुहल्लों में नाव चलाने तक की नौबत आ जा जाती है.
समाधान का कर रहे हैं इंतजार: जलजमाव शहर की सबसे बड़ी समस्या है और यह लगातार गहराती ही जा रही है. बीते साल की जलतबाही ने मुख्यमंत्री को हवाई दौरा करने पर मजबूर कर दिया था. वहीं आइएएस ऑफसर अतीश चंद्रा व प्रत्यय अमृत को भी भौतिक जायजा लेने के लिए आना पड़ा था. नगर परिषद क्षेत्र के 20 से 22 मुहल्ले पूरी तरह डूब गये थे.
अधिकारियों के निर्देश पर सभी मुहल्लों में पंप की संख्या दोगुनी करनी पड़ी थी. जबकि हेवी पावर के दो पंप बाहर से मंगाने पड़े थे. डीएम सहित सभी वरीय अधिकारियों को पानी निकासी में काफी परेशान होना पड़ा था. हालांकि अभी भी कई मुहल्लों में जलजमाव के निशान बने हुए हैं. इन इलाके के लोग अभी से स्थायी समाधान की ओर टकटकी लगाये हैं.
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