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मेडिकल कॉलेज से वापस ली एनओसी

लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज पर संकट कॉलेज का अनिवार्यता प्रमाण पत्र वापस सहरसा : लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज का अनिवार्यता प्रमाण पत्र सरकार ने वापस ले लिया है. मालूम हो इस अनिवार्यता प्रमाण पत्र को एनओसी भी कहा जाता है. पटना हाइकोर्ट में चल रहे याचिका के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने […]

लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज पर संकट

कॉलेज का अनिवार्यता प्रमाण पत्र वापस
सहरसा : लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज का अनिवार्यता प्रमाण पत्र सरकार ने वापस ले लिया है. मालूम हो इस अनिवार्यता प्रमाण पत्र को एनओसी भी कहा जाता है. पटना हाइकोर्ट में चल रहे याचिका के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को जानकारी देते हुए उक्त बातें कहीं. न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी की एकल पीठ के समक्ष लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल समेत व अन्य के मामलों पर एमबीबीएस के छात्रों का अन्य मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरण की बात कही गयी है. याचिकाकर्ताओं के वरीय अधिवक्ता वाइवी गिरी ने बताया कि उक्त मामले में आगे की सुनवाई सोमवार को भी होगी.
लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज की स्थापना 2012 में हुई थी और मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया अर्थात एमसीआइ ने इसे 100 छात्रों को नामांकित करने की अनुमति एमबीबीएस कोर्स में दी. 2013 व 2015 में एमसीआइ ने पुन: रिन्युवल नहीं किया. 2014 में कॉलेज ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेशानुसार सरकारी फीस पर अर्हता प्राप्त छात्रों में से 19 बच्चों का नामांकन लिया था. कुल 119 छात्रों का भविष्य इस मामले में अटक गया. इसके साथ ही दिसंबर 2016 में जहां फाइनल एग्जाम होने थे.
उस पर अडंगा लग गया, लेकिन माननीय हाइकोर्ट ने छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखते हुए एमसीआइ को इन्हें अन्यत्र पढ़ाई पूरी करवाने को कहा है. इधर एमसीआइ के अनुसार मेडिकल कॉलेज पूरी तरह अर्हता नहीं प्राप्त कर रहा है, न ही इसका इन्फ्रास्टक्चर पूूरा है. सेंट्रल बैंक की स्थानीय शाखा ने लॉर्ड बुद्धा शिक्षण प्रतिष्ठान व गारेंटर डॉक्टर प्रभाष कुमार सिंह व डॉ कल्याणी सिंह को लगभग 22 करोड़ 23 लाख रुपये जमा करने को कहा है. डॉ पीके सिंह कहते है कि एमसीआइ ने कोई निर्धारित अर्हता पर फोकस करते हुए मेडिकल कॉलेज को तय समय में उसे पूरा करने को नहीं कहा. मैं शिक्षा माफिया के चंगुल में फंसा हुआ है.
उन्होंने कहा कि मेरे अस्पताल की क्षमता 470 बेडों की है, जबकि निर्धारित अर्हता मात्र 350 बेड ही है. इसके साथ ही 20 एकड़ का मेरा कैंपस एरिया भी है. मैं सारी चुनौतियां का सामना करूंगा और मेडिकल कॉलेज के हित में सुप्रीम कोर्ट तक जाउंगा. उधर लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वर्तमान संकट पर राय देते हुए डॉ विजय शंकर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से काफी उम्मीदें थी. सरकार इसके हित में सोचे.
डॉ वृजेंद्र देव ने कहा कि मेडिकल कॉलेज का इस क्षेत्र में होना गौरव की बात है. सरकार को चाहिए कि इसका सरकारीकरण करे जिससे छात्र एवं आम मरीज दोनों का भविष्य सुरक्षित रहे. डॉ व्रजेश सिंह ने इसे कोसी जैसे पिछड़े इलाके में मरीजों के लिए वरदान बतलाया और कहा कि मेडिकल कॉलेज से शिक्षा एवं आर्थिक दोनों ही हित सुरक्षित रहते हैं. साथ ही स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से मेडिकल कॉलेजों में असाध्य बीमारियों का सहज उपचार भी संभव है.
मेडिकल कॉलेज में छात्रों को शिक्षा देने वाले डॉ यूसी मिश्रा ने कहा कि कॉलेज पर संकट होना भविष्य के लिए अच्छा मैसेज नहीं है. इसका बेहतर संचालन हो सके इसके लिए सामूहिक रूप से सोचें. इसके साथ ही इसको शीघ्र संमबद्धता प्राप्त हो सके, इसके लिए भी जरूरी कदम उठाया जाय.
सुप्रीम कोर्ट तक जाऊंगा: डॉ पीके सिंह
डॉ पीके सिंह कहते है कि एमसीआइ ने कोई निर्धारित अर्हता पर फोकस करते हुए मेडिकल कॉलेज को तय समय में उसे पूरा करने को नहीं कहा. मैं शिक्षा माफिया के चंगुल में फंसा हुआ है. उन्होंने कहा कि मेरे अस्पताल की क्षमता 470 बेडों की है, जबकि निर्धारित अर्हता मात्र 350 बेड ही है. इसके साथ ही 20 एकड़ का मेरा कैंपस एरिया भी है. मैं सारी चुनौतियां का सामना करूंगा और मेडिकल कॉलेज के हित में सुप्रीम कोर्ट तक जाउंगा.
उधर लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वर्तमान संकट पर राय देते हुए डॉ विजय शंकर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से काफी उम्मीदें थी. सरकार इसके हित में सोचे. डॉ वृजेंद्र देव ने कहा कि मेडिकल कॉलेज का इस क्षेत्र में होना गौरव की बात है. सरकार को चाहिए कि इसका सरकारीकरण करे जिससे छात्र एवं आम मरीज दोनों का भविष्य सुरक्षित रहे. डॉ व्रजेश सिंह ने इसे कोसी जैसे पिछड़े इलाके में मरीजों के लिए वरदान बतलाया
और कहा कि मेडिकल कॉलेज से शिक्षा एवं आर्थिक दोनों ही हित सुरक्षित रहते हैं. साथ ही स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से मेडिकल कॉलेजों में असाध्य बीमारियों का सहज उपचार भी संभव है. मेडिकल कॉलेज में छात्रों को शिक्षा देने वाले डॉ यूसी मिश्रा ने कहा कि कॉलेज पर संकट होना भविष्य के लिए अच्छा मैसेज नहीं है. इसका बेहतर संचालन हो सके इसके लिए सामूहिक रूप से सोचें. इसके साथ ही इसको शीघ्र संमबद्धता प्राप्त हो सके, इसके लिए भी जरूरी कदम उठाया जाय.

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