महोत्सव में कोसी क्षेत्र के प्रतिभावान कलाकारों को ही मिलेगा मौका
सहरसा : कोसी क्षेत्र की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाये रखने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग के कैलेंडर में शामिल कोसी महोत्सव का आयोजन एक व दो मार्च को होगा. जिला प्रशासन ने यह निर्णय लेते हुए पर्यटन विभाग को प्रस्ताव भेजे जाने की बात कही है.
मालूम हो कि पर्यटन विभाग के कैलेंडर में शामिल प्रतिवर्ष फरवरी से मार्च महीने में आयोजित होने वाली कोसी महोत्सव के आयोजन में विलंब को देखते हुए प्रभात खबर ने लगातार जिला प्रशासन की ढुलमुल नीति को उजागर किया.
इसके बाद बुधवार को जिलाधिकारी शशिभूषण कुमार की अध्यक्षता में जिला प्रशासन सहित समिति से जुड़े लोगों की बैठक आयोजित कर महोत्सव की तिथि को अंतिम रूप से हरी झंडी दी गयी. हालांकि आनन-फानन में बुलायी गयी बैठक में कोसी क्षेत्र के मधेपुरा व सुपौल से जुड़े पदाधिकारी व आयोजन समिति से जुड़े लोग नजर नहीं आये. बैठक में महोत्सव को पूर्व की तरह इस वर्ष भी आयोजित करने का निर्णय लिया गया. महोत्सव की तिथि के निर्धारण के बाद आयोजन से संबंधित विभिन्न समितियों का गठन किया गया.
जिसमें पूर्व से विभिन्न समितियों में शामिल लोगों के अलावा कई अन्य लोगों को भी शामिल करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति लिया गया. इसके लिए मुख्य पंडाल, समिति व मंच सजावट, साफ-सफाई, पेयजल व बिजली व्यवस्था, आवासन, प्रचार-प्रसार समिति, विधि -व्यवस्था, खेलकूद समिति, वित्तीय प्रबंधन समिति, सरकारी स्टॉल समिति, स्मारिका संपादन समिति, सांस्कृतिक कार्यक्रम समिति, समन्वय व सलाहकार समिति का गठन किया गया.
हो न जाये खानापूर्ति
कोसी क्षेत्र की सांस्कृतिक धारा को जीवंत रखने के उद्देश्य से वर्ष 2002 से शुरू किये गये महोत्सव के आयोजन में विलंब को लेकर प्रशासनिक उदासीनता को देखते महोत्सव कहीं खानापूर्ति न हो जाय, यह चिंता भी कला व साहित्य प्रेमी को अभी से खटकने लगी है. महोत्सव आयोजन को लेकर जहां दो महीने पूर्व से ही इसकी तैयारी शुरू हो जाती थी. वही एक व दो मार्च को महोत्सव की तिथि निर्धारित किये जाने के बाद लगभग 20 दिनों में महोत्सव के सफल आयोजन को लेकर अभी से ही कयास लगाये जाने लगे है.
मालूम हो कि महोत्सव में अभी तक जहां अन्य राज्य के कला संस्कृति से लोग रू ब रू हो पाते थे. वही इस वर्ष सिर्फ स्थानीय कलाकारों को ही मौका दिये जाने की बात कही जा रही है. बैठक के दौरान आयोजन समिति से जुड़े लोगों द्वारा बाहरी कलाकार को बुलाये जाने का विरोध जताये जाने पर जिला प्रशासन ने स्थानीय कलाकारों को ही शामिल करने की रजामंदी दी. मालूम हो कि 2002 से आयोजित महोत्सव में देश के कई नामचीन कलाकार कोसी की धरती पर अपनी गीत संगीत के माध्यम से लोगों को मनोरंजन कर चुके हैं.
इस तरह महोत्सव के नाम पर सिर्फ स्थानीय कलाकारों द्वारा महोत्सव की सफलता की खानापूर्ति करना बेइमानी होगी. बैठक में एसपी एम सुनील नायक, एडीएम जयनाथ महतो, डीडीसी योगेंद्र राम, सदर एसडीओ पंकज दीक्षित, एनडीसी शैलेश कुमार चौधरी, वरीय उपसमाहर्ता जंहागीर आलम, फैयाज अख्तर, जिला योजना पदाधिकारी संजय गंगवाल, मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह, रेड क्रॉस के सचिव डॉ अबुल कलाम,बीस सूत्री उपाध्यक्ष आनंदी मेहता, ओम प्रकाश नारायण, शिवशंकर विक्रांत, हरिहर प्रसाद गुप्ता, कुमार हीरा प्रभाकर, दिवाकर, विनय चौधरी, शंभु नाथ, भोला मौजूद थे.