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पुलिस ने प्रेमी से करायी उषा कीशादी

पुलिस ने प्रेमी से करायी उषा कीशादीफोटो – मधेपुरा – 08 एवं 09 कैप्शन – अस्पताल में बच्ची की शव के पास बैठी उषा, हवालात में बंद नीरज फोटो – मधेपुरा 22 ैकैप्शन – थाना परिसर स्थित मंदिर में नीरज ने उषा की मांग में भरा सिंदूर फ्लैग – बिन ब्याही मां ने सड़क किनारे […]

पुलिस ने प्रेमी से करायी उषा कीशादीफोटो – मधेपुरा – 08 एवं 09 कैप्शन – अस्पताल में बच्ची की शव के पास बैठी उषा, हवालात में बंद नीरज फोटो – मधेपुरा 22 ैकैप्शन – थाना परिसर स्थित मंदिर में नीरज ने उषा की मांग में भरा सिंदूर फ्लैग – बिन ब्याही मां ने सड़क किनारे दिया बच्ची को जन्म- इंटर के छात्र नीरज की उसकी सहपाठी प्रेमिका उषा से था प्रेम – उषा का गर्भपात कराने नीरज लेकर आया था मधेपुरा — जन्म के कुछ ही घंटों बाद ही नवजात ने तोड़ा दम प्रतिनिधि, मधेपुरा आखिरकार उषा की मांग में सिंदूर सज गया. मंगलवार की शाम जिला मुख्यालय के जेल परिसर स्थित मंदिर में उषा की शादी नीरज से पुलिस की मध्यस्थता से दोनों के अभिभावकों की उपस्थिति में करा दी गयी. गौरतलब है कि मंगलवार की सुबह ही उषा ने सड़क के किनारे एक बच्ची को जन्म दिया था, जिसकी मौत कुछ ही घंटों बाद हो गयी थी. दोनों इंटर में करते हैं पढ़ाईमामला जिले के घैलाढ़ प्रखंड मुख्यालय से जुड़ा है. यहां के दुर्गा उच्च विद्यालय में एक ही कक्षा के नीरज व उषा का प्रेम प्रसंग चल रहा था. उषा घैलाढ़ की ही है, नीरज बेलोखड़ी गांव का है. दोनों ने इसी वर्ष इंटर में दाखिला लिया था. नीरज से नजदीकी के कारण उषा सात महीने की गर्भवती थी. उसका गर्भपात कराने केे लिए नीरज उसे बहला कर ग्रामीण चिकित्सक के साथ मधेपुरा शहर ले आया. एक निजी नर्सिंग होम में भरती कराया. दो रात बिताने के बाद नीरज उषा को लेकर साहुगढ़ रोड किनारे स्थित एक स्थानीय दाई के पास ले गया. यहां उसने उषा को गर्भपात की दवा खिला दी. लेकिन उषा यहां से भाग कर सदर थाना पहुंच गयी. पुलिस ने उषा की निशानदेही पर नीरज को हिरासत में ले लिया. उषा को पुलिस ने सदर अस्पताल पहुंचाया. खुद ही दवा लेने निकली उषागर्भपात की दवा के असर से उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी. अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक ने ‘ड्राटिन’ इंजेक्शन लिख कर उषा को बाजार से लाने कहा. अकेली और दर्द से बेहाल उषा खुद ही इंजेक्शन की तलाश में निकल पड़ी. रात का तीसरा पहर शुरू हो चुका था. उषा के पास पैसे नहीं थे. वह सदर थाना के हाजत में बंद नीरज के पास पहुंची और उससे पचास रुपये ले कर दवा ढूंढने फिर बाजार निकल गयी. दवा दुकान का पता पूछते-पूछते सदर थाना के पास ही स्थित एक सत्तू की दुकान के पास उषा का प्रसव हो गया. उसने एक बच्ची को जन्म दिया था. वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना जब अस्पताल प्रशासन को दी तो अस्पताल कर्मचारी उसे अस्पताल ले आये. बच्ची की स्थिति नाजुक थी. डाक्टरों ने उसे ऑक्सीजन दिया, लेकिन नवजात ने दम तोड़ दिया. हालांकि, हवालात में बंद नीरज उषा से शादी के वादे को हर हाल में पूरा करने की बात कह रहा था. सादे समारोह में हुआ विवाहदिन भर चले इस प्रकरण में नीरज के पिता लक्ष्मण यादव और उषा की मां बिंदा देवी की बातचीत सदर थानाध्यक्ष मनीष कुमार व महिला थाना की पुलिस पदाधिकारी आरती कुमारी से होती रही. इन दोनों ने इस मामले को सामाजिक रूप से सुलह करवाने की पुरजोर कोशिश की. नतीजन देर शाम थाना परिसर स्थित मंदिर में एक सादे समारोह में उषा की मांग में नीरज ने सिंदूर भर दिया.

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