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ननमैट्रिक कर रहा शर्तिया इलाज

कन्हैयाजी, सहरसा : शहर में बिना डिग्रीवाले फर्जी डॉक्टरों की बाढ़ आ गयी है. वे मरीजों के स्वास्थ्य से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं. फर्जी डॉक्टरों द्वारा क्लिनिक व नर्सिग होम खोल बेहिचक दवाई लिखी जा रही है. सूई लगाये जा रहे हैं. यहां तक कि मरीजों के शरीर में बेधड़क ब्लेड चला कर ऑपरेशन […]

कन्हैयाजी, सहरसा : शहर में बिना डिग्रीवाले फर्जी डॉक्टरों की बाढ़ आ गयी है. वे मरीजों के स्वास्थ्य से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं. फर्जी डॉक्टरों द्वारा क्लिनिक व नर्सिग होम खोल बेहिचक दवाई लिखी जा रही है. सूई लगाये जा रहे हैं.
यहां तक कि मरीजों के शरीर में बेधड़क ब्लेड चला कर ऑपरेशन भी किये जा रहे हैं. ऐसी फर्जी व जानलेवा स्वास्थ्य सेवाओं की सारी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को है. लेकिन नकेल कसने अथवा किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने से ऐसे फर्जी डॉक्टरों का धंधा फलता-फूलता जा रहा है और गरीब मरीज इनके झांसे में आकर अपनी जान गंवाते जा रहे हैं.
मरीजों की जान खतरे में होने के बाद भी विभाग मौन व प्रशासन का बेफिक्र बन बैठना समझ से परे मालूम पड़ रहा है.
कोई ज्ञान नहीं, लिखते हैं दवा. बनगांव रोड में खेमका मेडिकल एजेंसी के ठीक सामने वर्षो से डॉ ए मंडल के नाम से क्लिनिक खुला हुआ है. ए मंडल की जगह दो ननमैट्रिक युवक विद्युत विश्वास व मृत्युन मंडल मरीजों का इलाज करता है. 12 बाय 8 के कमरों को प्लाइ बोर्ड से तीन हिस्सों में बांट क्लिनिक कम सजिर्कल होम का रूप दिया गया है. हालांकि बोर्ड पर हाइड्रोसिल, पाइल्स व फस्टुला का शर्तिया इलाज दवा व सूई से करने की बता कहीगयी है. लेकिन इनके छोटे से ऑपरेशन थियेटर में बेड के अलावे चीरफाड़ करने की सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अनुसार इलाज करने की बात कहने वाले ये दोनों युवक बेधड़क डॉक्टर की पैड पर अंगरेजी दवा लिखे जा रहे हैं. पूछने पर डॉक्टर की कुरसी पर बैठे व मरीजों को दवा लिखने वाले युवक विद्युत विश्वास ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल के राणागढ़ का रहने वाला है और यहां प्रैक्टिस कर रहा है. जबकि मृत्युन मंडल ने स्वयं को ए मंडल का सहयोगी व अनुभव के आधार पर इलाज करने की बात कही. बातचीत में दोनों ने स्वीकार किया कि वे ननमैट्रिक हैं और मरीजों को शर्तिया इलाज की गारंटी देते हैं.
डिग्री का मतलब भी नहीं है पता. क्लिनिक के बोर्ड व लेटर पैड पर डॉक्टर की डिग्री बीएएमएस लिखी हुई है. इसका मतलब पूछने पर मृत्युन मंडल ने ‘बैचलर आयुर्वेद मेडिसीन सिस्टम’ बताया. इसी डॉक्टर से इलाज कराने महिषी के आरापट्टी से आये मो जैनुल ने बताया कि वे पाइल्स के मरीज हैं. पिछले छह महीने से यहां इलाज कराने आते हैं.
परेशानी कम होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. डॉक्टर साहब हर बार दवा बदल कर ठीक हो जाने की बात कहते हैं. फेस्टुला से परेशान नवहट्टा के तेलवा निवासी की भी यही शिकायत थी. यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिला व स्वास्थ्य प्रशासन के नाक के नीचे मुख्य सड़क के किनारे खुलेआम फर्जी डॉक्टर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. फिर भी अधिकारी मौन क्यों हैं?

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